PM मोदी ने सिंगापुर के पूर्व पीएम के साथ मिलकर किया गांधी पट्टिका का अनावरण
सिंगापुर (ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग के साथ मिलकर शनिवार को महात्मा गांधी पट्टिका का अनावरण किया। सिंगापुर के क्लिफोर्ड पियर में 1948 में महात्मा गांधी की अस्थियों को जिस स्थान पर विसर्जित किया गया था, वहीं इस पट्टिका का अनावरण किया गया है।
बता दें कि मोदी तीन दिवसीय दौरे पर सिंगापुर में हैं और यह दौरा अपने अंतिम चरण में है। मोदी ने ट्वीट किया, सिंगापुर के क्लिफोर्ड पियर में मैने और पूर्व प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग ने एक पट्टिका का उस जगह पर अनावरण किया है, जहां महात्मा गांधी की अस्थियों को विसर्जित किया गया था। उन्होंने कहा, बापू के संदेश विश्वभर में गुंजायमान हैं। उनके विचार और आदर्श हमें मानवता के लिए ज्यादा काम करने की दिशा में प्रेरित करते हैं। गौरतलब है कि 1948 में महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद उनकी अस्थियों को भारत और सिंगापुर समेत विश्व के कई हिस्सों में विसर्जित किया गया था। इसके बाद मोदी ने सिंगापुर में अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस से मुलाकात की। अमेरिकी के लिए भारत के महत्व के बड़े सांकेतिक कदम के तौर पर पेंटागन द्वारा प्रशांत कमान का नाम बदलकर हिंद-प्रशांत कमान किए जाने के कुछ दिन बाद यह मुलाकात हुई।
सूत्रों ने बताया कि तीन देशों की यात्रा के आखिरी चरण में मोदी ने बंद कमरे में मैटिस से मुलाकात की, जिसमें दोनों पक्षों ने आपसी और वैश्विक हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा की। वार्षिक शंगरी-ला वार्ता के इतर यह बैठक हुई। बता दें कि मोदी ने शुक्रवार की रात इसे संबोधित किया था। इसमें मोदी ने कहा था कि प्रतिद्वंद्विता से एशिया पिछड़ जाएगा, जबकि सहयोग से शताब्दी का स्वरूप तय होगा। उन्होंने कहा कि जब भारत और चीन एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील रहते हुए भरोसे और विश्वास के साथ काम करते हैं, तभी एशिया और दुनिया को बेहतर भविष्य मिलेगा। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत समुद्र एवं वायु में साझा स्थलों के इस्तेमाल के लिए हम सभी के पास समान अधिकार होने चाहिए। इसके तहत नौवहन की स्वतंत्रता, अबाधित वाणिज्य तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की जरुरत पड़ेगी। मैटिस ने भी वार्ता को संबोधित किया जिसमें उन्होंने सभी के लिए स्वतंत्रता और व्यवस्था आधारित नियमों पर जोर दिया।