OPD के पर्चे पर मरीजों को निजी अस्पतालों में छोड़ने का खेल
मेरठ, 26 अप्रैल (हि.स.)। स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू बनाने की प्रदेश सरकार की मुहिम को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की दशा बदलने को संचालित सरकारी एंबुलेंस सर्विस मरीजों को निजी अस्पतालों में पहुंचाने का खेल कर रही है। यह सब ओपीडी के पर्चे पर किया जा रहा है।
108 और 102 एंबुलेंस सर्विस से मरीजों को राहत देने की सरकारी योजना दम तोड़ रही है। यह दोनों एंबुलेंस सर्विस लोगों की जेब पर तो भारी पड़ ही नहीं है, सरकारी मिशन को भी पलीता लगा रही है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में इन एंबुलेंसों द्वारा 80 फीसदी मरीजों को सरकारी अस्पतालों में नहीं भेजने का खुलासा होने से हड़कंप मच गया है। अपर सीएमओ डाॅ. धीरेंद्र कुमार की जांच में यह गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद से एंबुलेंस सेवा एजेंसी का कहना है कि अधिकांश मरीज ऐसे थे, जिन्हें भर्ती नहीं कराया गया, बल्कि ओपीडी में दिखाया गया। इसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया। स्वास्थ्य अधिकारी इस दावे पर यकीन नहीं कर रहे। उनका कहना है कि इसमें बड़ा खेल किया गया है। यह मरीज स्वास्थ्य केंद्रों पर तो आए, लेकिन उन्हें भर्ती करने की बजाय ओपीडी में जांच करके दवा देकर घर भेज दिया गया। एंबुलेंस के रजिस्टर में दर्ज मरीजों के पते पर जाकर इसका सत्यापन किया जाएगा। इससे सारा घपला खुल जाएगा।
निजी अस्पतालों में भेज रहे मरीज
पहले भी एंबुलेंस से मरीजों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराने का खुलासा हो चुका है। इस मामले में भी स्वास्थ्य अधिकारियों को आशंका है कि सरकारी एंबुलेंस से सरकारी अस्पताल में भर्ती ना करके मरीजों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इस मामले में ठोस जांच के बाद कड़ी कार्रवाई होगी।