MP बोर्ड:10वीं और 12वीं में 75 फीसद से अधिक अंक लाने वालों की फीस सरकार भरेगी : शिवराज
भोपाल, 12 मई = मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को अपने निवास पर मेधावी छात्रों के सम्मान के लिए आयोजित भव्य कार्यक्रम में एमपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणामों की घोषणा करते हुए कहा कि जो बच्चे 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाये हैं और इनका प्रवेश राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों में होता है तो उनकी फीस सरकार भरेगी चाहे वे किसी भी वर्ग के हों। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्रों का सम्मान किया और उन्हें लेपटॉप वितरित किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को कभी निराश नहीं होने देंगे। उनके सपनों को मरने नहीं देंगे, उम्मीदों को टूटने नहीं देंगे। उन्होंने सभी सफल विद्यार्थियों, उनके शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यह सफलता एक पड़ाव मात्र है, मंजिल नहीं। उन्होंने कहा कि वे विद्यार्थियों के सामने मध्य प्रदेश को नंबर वन बनना देखना चाहते हैं। विद्यार्थियों की प्रतिभा केवल परिवार के लिये नहीं प्रदेश और देश का निर्माण करने के लिये है। जो विद्यार्थी 85 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाये हैं उन्हें लेपटॉप दिया जायेगा। मेधावी बच्चों के शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिये अलग से सम्मान कार्यक्रम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर रहा है। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री और अधिकारियों, शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे गाँवों, शहरों के बच्चों ने कमाल कर दिया। बेटियाँ सबसे आगे हैं। हाई स्कूल की परीक्षा में 40 प्रतिशत बच्चे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं। शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ी है। बारहवीं में 27 प्रतिशत बच्चों को प्रथम श्रेणी मिली है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को मार्कशीट लेने, डुप्लीकेट मार्कशीट बनवाने, पूरक परीक्षा के फार्म भरने, पुनर्गणना करने जैसी सुविधाओं के लिये एप का शुभारंभ किया।
श्री चौहान ने कहा कि शहडोल जिला सबसे आगे रहा है। रतलाम और उज्जैन का परिणाम 98 प्रतिशत रहा है। नकल माफिया पर पूरी तरह नियंत्रण किया गया। पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षाएँ निर्विघ्न हुईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षण सत्र 2017-18 से दसवीं में एन.सी.सी. पाठयक्रम अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा। शैक्षणिक सत्र 2018-19 से ग्यारहवीं और 2019-20 से 12 वीं में लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में फर्नीचर की सुविधा देने के लिये 30 करोड़ का बजट माध्यमिक शिक्षा मंडल उपलब्ध करायेगा। वर्ष 2017-18 से नवमी और दसवीं में बेस्ट आफ फाइव पद्धति से परीक्षा परिणाम बनाया जायेगा। भोपाल में दस करोड़ की लागत से आधुनिक लाइब्रेरी बनेगी। उन्होंने कहा कि बेहतर परिणाम देने वाले शिक्षकों का सम्मान किया जायेगा लेकिन जिनकी स्कूल में उपस्थिति 70 प्रतिशत से कम होगी, उन पर ‘काम नहीं-वेतन नहीं’ के आधार पर कार्रवाई की जायेगी। इस शिक्षण सत्र से एन.सी.ई.आर.टी. का पाठयक्रम लागू किया जायेगा। हर संभाग में योग शिक्षा लागू की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के किसी कारण से अपेक्षानुरूप परिणाम नहीं आये, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। उनके लिये ‘रूक जाना नहीं’ योजना बनाई गई है।
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स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह ने कहा कि प्रदेश में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। उन्होंने मेधावी विदयार्थियों और उनके अभिभावकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया गया है। उन्होंने बताया कि भोपाल के टी.टी. नगर स्थित मॉडल स्कूल में 100 कम्प्यूटर की लैब स्थापित की जायेगी। एयर कंडीशन-हाल, ई-लाइब्रेरी एवं खेल मैदान बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसी विद्यालय में मुख्यमंत्री की शिक्षा-दीक्षा हुई थी। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के परीक्षा परिणाम अपेक्षानुरूप नहीं आये हैं उनके लिये ‘रुक जाना नहीं’ योजना में जून में परीक्षा होगी। किसी विद्यार्थी को निराश होने की जरूरत नहीं है।