कोरोना वायरस : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी की जेलों से बंदियों की रिहाई शुरू
लखनऊ । देश की वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते मामले और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर राज्य सरकार ने 11 हजार बंदियों को रिहा करने का फैसला लिया है। अभी तक वाराणसी जेल से 60 बंदी छोड़े गए हैं, जिनमें 40 चंदौली और 20 वाराणसी के हैं।
इसके अलावा मेरठ जेल से 17 बंदी और सीतापुर में 23 बंदी पैरोल पर छोड़े गए हैं। वाराणसी जेल से कुल 390 बंदियों को छोड़ा जाना है। यह न्यायालय पर है कि वह कितने बंदी छोड़ते हैं। इसके अलावा शाहजहांपुर जिला कारागार से दस विचाराधीन कैदियों को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत पर रिहा किया जायेगा। बलिया जेल से 45 बंदियों को रिहा किया जाना है जिसमें 12 बंदी ऐसे हैं, जिन्हेंं सात साल की सजा हो चुकी है और 12 सजायाफ्ता बंदी है। फिलहाल इन बंदियों के बारे शासन स्तर से अभी तक कोई सूचना जेल प्रशासन को नहीं मिली है।
मऊ जिला कारागार ने दस बंदियों की सूची शासन को भेजी है, अभी इस पर मुहर लगी है। मथुरा जेल से करीब 23 बंदियों को रिहा किया जायेगा। एटा जेल से 32 सजायाफ्ता समेत 158 बंदी जेल से रिहा होंगे। जेलर पीपी सिंह के मुताबिक अभी तक आदेश नहीं मिला है, मिलते ही जमानत की कार्रवाई की जायेगी। फिरोजाबाद जिला कारागार से 163 बंदियों को रिहा किया जायेगा। इनमें 53 सजायाफ्ता और 110 विचाराधीन बंदी शामिल है। जेल प्रशासन ने इसकी सूची कारागार मुख्यालय को भेज दी गयी है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को राज्य सरकारों को प्रदेश की जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए अंतरिम जमानत या पैरोल जैसे उपायों को आजमाने का सुझाव देते हुए कहा था कि ऐहतियातन तौर पर 11 हजार बंदियों को आठ सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा किया जाय। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने इस पर विचार कर बंदियों को जमानत पर रिहा करने के लिए टीम को गठित कर दी थी।
जेलों में जाकर जमानत देंगे जिला जज
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक कमेटी गठन किया। इसमें उत्तर प्रदेश विधिक सेवा और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार कुमार अवस्थी और डीजी जेल आनंद कुमार शामिल थे। कमेटी ने बंदियों की रिहाई के लिए मंथन करके राज्य की जेलों से 11 हजार बंदियों को अंतरिम जमानत देकर तय समय के लिए छोड़े जाने का फैसला लिया। इनमें 8,500 विचाराधीन और 2,500 ऐसे बंदी शामिल हैं जिन पर दोष साबित हो चुका है। पैरोल सामान्य प्रक्रिया के तहत दी जाएगी और जमानत के लिए जिला जज संबंधित जेलों में जाकर यह बेल उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए शनिवार से ही जेलों में बंद बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी।