BREAKING NEWS : j&k के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला, 7 तीर्थयात्रियों की मौत, 25 घायल
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के अतंतनाग में आतंकवादियों ने अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमला किया है. इस हमले में करीब 7 लोगों की मौत हो गई है और करीब 25 जख्मी हुए हैं. आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों पर ही हमला नहीं किया बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए साथ चल रहे जवानों पर भी हमला किया है . आतंकियों ने ये हमला रात 8:20 पर किया. आतंकी मोटरसाइकिल पर सवार थे.
मिल रही जानकारी के अनुसार अनंतनाग से आगे बंटगू पर श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर आतंकवादियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर अंधाधुध फायरिंग की. जिसमे दो यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 5 लोगों की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई.
सुरक्षाबलों ने बस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वह काफिले का हिस्सा नहीं थी .इस बस अमरनाथ श्राइन बोर्ड में उसका रजिस्ट्रेशन हुआ था. इस वजह ये आतंकियों का आसान निशाना बने. वही सुरक्षाबलों का कहना है कि हमारे काफिले के साथ जो भी बस या ट्रक में यात्री होते हैं उनकी सुरक्षा पुख्ता होती है. और हम यह कोशिशकरते है सुबह 6 बजे बालटाल से यात्री निकल जाए और दोपहर 12 बजे तक जवाहर टनल को पार करके यात्री जम्मू इलाके में दाखिल हो जाएं.
j&k के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर इस हमले की निंदा करते हुए इस हमले को बेहद दुखदाई बताते हुए कहा कि ‘इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है. पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी सहानुभूति है और घायलों के लिए मैं दुआ करता हूं.साथ ही j&k
के मंत्री नईम अख्तर ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा, यह कश्मीर के इतिहास पर लगा काला धब्बा है. ऐसा पहली बार हुआ है जब यात्रियों को निशाना बनाया गया है. आतंक के खिलाफ अभियान जारी रहेगा.’
अमरनाथ के पवित्र यात्रा की शुरुआत काफी कड़ी सुरक्षा के बीच 29 जून को पहलगाम और बालटाल दोनों ही रोस्तों से हुई थी. उत्तरी कश्मीर के बालटाल कैंप के रास्ते से अमरनाथ गुफा की ओर जाने के लिए 6000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को इजाजत दी गई थी जबकि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के परंपरागत रास्ते से करीब 5000 यात्री गुफा की ओर चले थे.
45 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के लिए सुरक्षा के इंतजाम के तहत सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम, ड्रोन का इस्तेमाल, मोबाइल बंकर वाहन और रोड ओपनिंग पार्टी की जम्मू से पहलगाम और बालटाल जाने वाले पूरे रास्ते के लिए व्यवस्था है.केंद्र सरकार ने इस यात्रा की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार को अर्द्धसैनिक बलों के 40 हजार अतिरिक्त जवान उपलब्ध कराए हैं.इस वर्ष करीब 1.2 लाख श्रद्धालुओं ने इस यात्र के लिए पंजीकरण कराया है.