92 के इस बुजुर्ग ने बनाई हैं सरदार पटेल की दुनिया की सबसे उंची प्रतिमा
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण करेंगे. यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे सरदार सरोवर बांध के नजदीक स्थापित होने वाली इस प्रतिमा का 85 फीसद से ज्यादा हिस्सा इंस्टाल किया जा चुका है और अब सिर इंस्टाल किया जा रहा है. इस प्रतिमा को देश-दुनिया में शिल्प कला की मिसाल के तौर पर भी पेश किया जा रहा है, लेकिन क्या जानते हैं कि इस शिल्प यानी प्रतिमा के पीछे शिल्पकार कौन है? ये हैं राम वी. सुतार. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पद्मभूषण से सम्मानित 92 वर्षीय शिल्पकार राम वी. सुतार की कल्पना है और उन्होंने ही इस प्रतिमा को डिजाइन किया है.
इससे पहले भी वे सैकड़ों प्रतिमाएं बना चुके हैं. जिसमें संसद भवन परिसर में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा भी शामिल है. राम वी. सुतार मूल रूप सेमहाराष्ट्र के एक गांव (गोंदूर) के रहने वाले हैं. उनके पिता कारपेंटर थे और इस नाते उन्हें शिल्प कला विरासत में मिली थी. शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गांव में ही हुई और उसी दौरान गुरु श्रीराम कृष्ण जोशी से मिट्टी में जान डालने की कला यानी शिल्पकारी सीखना शुरू किया. इसके बाद राम वी. सुतार ने शिल्प कला के लिए मशहूरजेजे स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला ले लिया और यहां तमाम बारीकियां सीखीं. पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ दिनों तक नौकरी भी की. इसके बाद वर्ष 1958 में वह दिल्ली आ गए. शुरुआत में कुछ दिनों तक लक्ष्मीनगर रहे और उसके बाद नोएडा में अपना स्टूडियो स्थापित किया. जिस समय वह दिल्ली आए थे उस समयइंडिया गेट के पास बनी कैनोपी में किंग जार्ज पंचम की प्रतिमा को लेकर विवाद चल रहा था और इसे हटा दिया गया था. बाद में यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाने की बात चली और राम वी. सुतार ने खुद इस कैनोपी के लिए महात्मा गांधी की एक प्रतिमा तैयार की.
हालांकि बाद में तत्कालीन सरकार ने तय किया कि कैनोपी में बापू की ध्यान की मुद्रा में प्रतिमा स्थापित की जाएगी और इस प्रतिमा को बनाने के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इस प्रतियोगिता में राम वी. सुतार ने बाजी मारी. हालांकि सरकार की योजना धरातल पर नहीं उतर सकी.
राम वी. सुतार शुरू से ही महात्मा गांधी से प्रेरित रहे हैं. संसद भवन परिसर में लगी महात्मा गांधी की 17 फिट उंची प्रतिमा भी उन्होंने ही बनाई है. इसके अलावा पटना के गांधी मैदान, कर्नाटक विधानसभा के साथ-साथ उनकी बनाई बापू की प्रतिमा 300 से ज्यादा देशों में लग चुकी है.
गुजरात में लगने वाली स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को राम वी. सुतार ने ही डिजाइन किया है. उनकी निगरानी में चीन में इस प्रतिमा की कास्टिंग यानी ढलाई हुई और एक-एक कर हिस्से गुजरात लाये गए. जहां अब इसका इंस्टालेशन किया जा रहा है. प्रतिमा का अनावरण 31 अक्टूबर को पीएम करेंगे.
राम वी सुतार के मुताबिक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने मे चार धातुओं का प्रयोग किया गया है.जिसमें तांबे के साथ-साथ जिंक, लेड और टीन शामिल है. इससे प्रतिमा हजारों साल तक खराब नहीं होगी. इस पर धूल, धूप, बारिश व जंग का भी कोई असर नहीं होगा.
आपको बता दें कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है. प्रतिमा अपने आप में अनूठी है. इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है.
राम वी. सुतार इन दिनों मुंबई के समुंदर में लगने वाली शिवाजी की प्रतिमा की डिजाइन भी तैयार करने में जुटे हैं. महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि यह प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी पीछे छोड़ देगी और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. पिछले दिनों अमृतसर के वॉर मेमोरियल में लगाई गई दुनिया की सबसे लंबी तलवार को भी सुतार ने ही तैयार किया था.
देश-विदेश में अपनी शिल्प कला का लोहा मनवाने वाले राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. इससे पहले वर्ष 1999 में उन्हें पद्मश्री भी प्रदान किया जा चुका है. इसके अलावा वे बांबे आर्ट सोसायटी के लाइफ टाइम अचीवमेंट समेत अन्य पुरस्कार से भी नवाजे गए हैं.