108 गांवों में स्वास्थ्य जागरुकता एवं उपचार शिविर का शुभारम्भ
चित्रकूट,10 फरवरी (हि.स.)। दीन दयाल शोध संस्थान चित्रकूट द्वारा कल रविवार को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मध्य स्थित चित्रकूट के 50 कि.मी. की परिधि में आने वाले 108 केन्द्रों (ग्राम पंचायतों) में एक साथ स्वास्थ्य जागरुकता शिविर आयोजित जायेगा। इसके लिए देश के कई प्रदेशों से आये चिकित्सकीय दल को शनिवार को गांवों के लिए रवाना किया गया है।
भगवान श्री राम की तपोभूमि एवं राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की कर्मभूमि चित्रकूट में आयोजित इस दो दिवसीय स्वास्थ्य जागरूकता एवं उपचार शिविर का सामूहिक उद्घाटन शनिवार को विवेकानन्द सभागार दीनदयाल परिसर में किया गया। इसमें संतोषी अखाड़ा के रामजीदास जी महाराज, दिगम्बर अखाड़ा के दिव्य जीवन दास जी महाराज, रामायणी कुटी के रामहृदय दास जी महाराज, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेशचन्द्र गौतम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी जनपद चित्रकूट रामजी पाण्डेय, सेवांकुर औरंगाबाद के डॉ. सदानन्द भुसारी, विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ. बी.एम. गुप्ता, सतना से इंजी. उत्त्म बनर्जी, सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. बी.के.जैन साहब, एम.पी.बिड़ला हास्पिटल सतना के डॉ. संजय माहेश्वरी, राजकीय मेडिकल कालेज बांदा के डीन डॉ. डी.नाथ प्रमुख रुप से मंचासीन रहे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि इंजी.उत्तम बनर्जी ने कहा कि सारे महापुरुषों के ध्येय के संकल्प को पूरा करने के लिये नानाजी जैसे मनीषी ने सुदूर अंचल में सेवा के प्रकल्प खड़ा किया है। उसी क्रम में आज यहां इस सभागार में देश भर से एकत्रित चिकित्सक ग्रामीण अंचल में जाकर सेवा देने वाले हैं। रात्रि प्रवास गांव में होगा। यह क्षण आपके जीवन का स्वर्णिम दिन होगा और एक अभिनव भारत में आपका योगदान अमूल्य होगा।
उद्घाटन सत्र में शिविर के आयोजन की रुपरेखा रखते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि चित्रकूट क्षेत्र में 108 ग्रामों में एकात्म मानव् दर्शन का व्यावहारिक रुप कैसे दिखे, इसके लिये नानाजी ने स्वावलम्बन अभियान के तहत 5 सूत्र शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी, बेकारी और हरा भरा विवादमुक्त ग्राम को लेकर और खुशहाल गांव-खुशहाल समाज की परिकल्पना को साकार रुप देने का काम शुरु किया है। इस शिविर के माध्यम से इन्हीं 108 ग्रामों में देश भर से वरिष्ठ चिकित्सक अपने मन में अंकुरित हो रहे सेवा भाव को यहां व्यक्त करने आये हैं। डॉ. हेडगेवार रुग्णालय महाराष्ट्र की जो सेवांकुर गतिविधि है वो बहुत अनुकरणीय हैं। इस वर्ष पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशताब्दी के साथ उनकी 50वीं पुण्यतिथि भी है और दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना के भी 50 वर्ष पूर्ण हुए हैं और चित्रकूट में संस्थान के काम को 25 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं।
इस अवसर पर विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉं. बी.एन. गुप्ता ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र के बढ़ते आयामों और विविध स्वास्थ्य संगठनों के माध्यम से सेवा कार्य को आगे बढ़ाने का चलन जिस तरह चल रहा है और उससे जो संस्कार और वातावरण बन रहा है वह निश्चित तौर पर भारत को परम वैभव पर ले जाने वाला है। संतोषी अखाड़ा के महंत रामजी दास महाराज ने कहा कि चित्रकूट हमारी आध्यात्मिक राजधानी है । साथ ही शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में जो अभिनव प्रयोग यहां हो रहे हैं वे बेहद अनुकरणीय हैं ।