हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे अंगदान, भरा संकल्प पत्र
करनाल, 13 अगस्त (हि.स.)। विश्व अंगदान दिवस पर मुख्यमंत्री ने करनाल में सोमवार को अपने अंगदान करने के लिए संकल्प पत्र भरा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री नेत्रदान भी कर चुके हैं। यह कार्यक्रम इनरव्हील क्लब द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें प्रकाश पब्लिक स्कूल के बच्चो ने जागरुकता रैली निकाली। इस रैली को मुख्यमंत्री ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
करनाल में इस तरह का कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया गया। दानवीर कर्ण की नगरी करनाल में हर साल एक हजार से भी अधिक लोग नेत्रदान करते हैं| यहां इस अभियान की शुरुआत 2006 में मात्र दो आंखों से हुई थी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए करनाल के लोगों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भारत में अंगदान की परम्परा सदियों पुरानी है, जिसकी शुरुआत महर्षि दधीच ने इंद्र के अस्त्र वज्र को बनाने के लिए अपनी देहदान कर किया था। पुराने धार्मिक ग्रंथों में भी अंगदान का उल्लेख मिलता है।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयोजकों और कार्यक्रम में उपस्थित प्रकाश पब्लिक स्कूल के अध्यापकों और बच्चों को जागरुकता रैली निकालने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि मानवीय दृष्टि से अंगदान एक बड़े उपकार का काम है। व्यक्ति स्वेच्छा से अपने शरीर का कोई भी अंग दान कर सकता है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसके परिजन भी उसकी देह को दान कर सकते हैं। अच्छे क्रियाशील अंगों को दान करने से कोई अंगदाता आठ से ज्यादा लोगों का जीवन बचा सकता है। उन्होंने बताया कि देश में दुर्घटना में हर साल करीब दो लाख लोगों की मौत हो जाती है, लेकिन यह भी सच है कि केवल पांच हजार लोगों को ही किडनी मिल पाती है, बाकि डेढ़ लाख लोगों की किडनी के प्रत्यारोपण न होने से मौत हो जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंगदान दिवस व्यक्ति को एक बेहतरीन मौका प्रदान करता है कि वह आगे बढ़े और अपने बहुमूल्य अंगों को दान देने का संकल्प लें। आधुनिक समय मेें नई तकनीक और उपचार के विकास और वृद्धि की वजह से अंग प्रत्यारोपण की जरूरत लगातार बड़े स्तर पर बढ़ रही है, जिससे प्रतिवर्ष ओर अंगदान की जरूरत है और इस जरूरत को लोगों में जागरुकता के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। विश्व अंगदान दिवस पर उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच खुशी का इजहार करते रंग-बिरंगे गुबारे आकाश में छोड़े।