वोटरों को रिझाने के लिए गांवों में भाजपा-कांग्रेस का अभियान
अहमदाबाद, 06 दिसम्बर (हि.स.)। गुजरात चुनाव- 2017 का काउंटडाउन अपने आखिर चरण में है । दोनों राष्ट्रीय पार्टियां अपने-अपने दांव से एक-दूसरे को चित करने की फिराक में हैं। दोनों पार्टियां अब ज्यादा ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस कर रही हैं।
182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में 134 सीटें ग्रामीण इलाकों की हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव आचार संहिता के बाद अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 10 सभाएं की हैं | कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी 14 रैलियों को सम्बोधित कर चुके हैं। राहुल गांधी ने अपनी नवसृजन यात्रा की शुरुआत ही ग्रामीण इलाकों से की थी।
पीएम मोदी ने गुजरात चुनाव का कैम्पैन गत 27 नवम्बर से शुरु किया था। इस दौरान उन्होंने दक्षिण गुजरात के नवसारी, सूरत, जसदण, पालिताना ,अमरेली, मोरबी और प्राची में सभा को सम्बोधित किया। पीएम मोदी वलसाड के आदिवासी बाहुल इलाके में सभाए करने वाले हैं, जिससे कांग्रेस की बेचैनी बढ़ गयी है। आदिवासी बहुल इस क्षेत्र की डांग, धरमपुर और वांसदा सीटें कांग्रेस के पास है।
विधानसभा चुनाव आचार संहिता से पहले नरेंद्र मोदी ने गुजरात में 16 सभाएं की| इनमें लगभग 14 हजार 500 करोड़ से ऊपर की योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष की बात करें तो अभी तक कांग्रेस की नैया को हिचकोले खिलाते आ रहे राहुल गांधी ने गुजरात को सम्मान की लड़ाई के तौर पर लिया है। उन्होंने 25 सितम्बर से नवसृजन यात्रा की शुरुआत की थी। इस दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष ने 12 से ज्यादा जिलों में जनसभाओं को सम्बोधित किया है।
राहुल गांधी गुजरात के वलसाड, धरमपुर, नवसारी, सूरत, वापी, उनाई, वडोदरा, गोधरा, प्रांतिज,पाटण, लुणावडा, पादरा भरुच,जंखवाव, मांडवा और व्यारा में सभाएं कर चुके हैं।
पीएम मोदी ने मिशन -150 के लिए जिन क्षेत्रों को मुख्य रुप से टारगेट किया है| उनमें रुरल एरिया है। अभी तक उन्होंने जितनी भी सभाएं की हैं ,वे सभी ग्रामीण क्षेत्रों की ही थीं। गत 22 वर्षों से हाशिये पर रही कांग्रेस पार्टी भाजपा को मात देने के लिए अपने पुराने वोट बैंक ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यकों पर ज्यादा फोकस कर रही है। इस रणनीति के तहत कांग्रेस भाजपा के बड़े वोट बैंक को अपने खेमे में लाना चाह रही है।