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राजस्थान : मातम में बदल गई शादी की खुशिया ! दीवार गिरने से 24 की मौत , 28 लोग घायल

भरतपुर, 12 मई = राजस्थान के भरतपुर में बुधवार देर रात मैरिज होम दीवार गिरने से हुए हादसे में अब मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। मरने वालों में आठ महिलाएं, पांच बच्चे और 11 पुरुष शामिल हैं। हादसे में करीब 28 लोग घायल हुए हैं, इनमें दो की हालात गंभीर होने पर उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल रेफर किया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर है। हादसे मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है। वहीं सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने अन्नपूर्णा मैरिज होम के मालिक लक्ष्मण प्रसाद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।

चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ गुरुवार सुबह भरतपुर पहुंचे और अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की और दुर्घटना स्थल का दौरा किया। उन्होंने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन समितियों को गठन किया है जो सात दिन में कलेक्टर को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसमें दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैरिज होम हादसे की जांच के लिए यूआईटी सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई, जो हादसे के कारणों की जांच करेगी। साथ ही शहर के सभी मैरिज होम्स की भी जांच करेगी।

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चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मृतकों के परिजनों को दो- दो लाख रुपये और घायलों को पचास-पचास हजार रुपये का मुआवजा देने को ऐलान किया है। उन्होंने कलेक्टर को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। राजे ने कहा कि पूरे प्रदेश में अवैध तरीके से चलाए जा रहे विवाह स्थलों की जांच कराई जाएगी।

मृतकों में सभी वधु पक्ष की तरफ से आमंत्रित मेहमान थे जो हादसे के समय भोजन करते हुए अंधड़ व बारिश से बचने के लिए इस जानलेवा दीवार के साये में खड़े थे। बारात जयपुर के कुंदीगर भैरूजी का रास्ता, जौहरी बाजार निवासी दीपचंद सैनी के पुत्र धमेंद्र की थी जो भरतपुर के सेवर थानांतर्गत मालीपुरा निवासी किरोड़ी के यहां आई थी। अंधड़ के बाद पूरे इलाके की बिजली चली जाने से मुश्किलें बढ़ गईं। लोगों ने मोबाइल टॉर्च का सहारा लिया। बाद में सर्च लाइट्स से रेस्क्यू ऑपरेशन चला घायलों तथा मृतकों के शवों को आरएमवी अस्पताल पहुंचाया गया। मृतकों तथा घायलों को मलबे से निकालने के लिए जेसीबी और कटर मंगवाने पड़े।

थाना सेवर पुलिस ने मृतकों के नाम कुबर(13) निवासी इन्द्रोली, रवि (23) जघीना गेट भरतपुर, श्यामवीर गुर्जर मालीपुरा, प्रिंस मालीपुरा, अंजू (28) मालीपुरा, गीतादेवी (35) मालीपुरा, विनोद(36) नगला हेमाराम मथुरा (उत्तर-प्रदेश), राघवेंद्र (18) पेंघोर कुम्हेर, अशोक मथुरा, विक्रम गुर्जर मालीपुरा, अजय सिंह(19) मालीपुरा, मदन सिंह (66) राल गोवर्धन, राजकुमारी सेबर, योगराज, विनोद (24) मालीपुरा, इंद्रा (32) भरतपुर, शकुंतला कोली (60), बेबी (38) कटरानमक भरतपुर, गुलराज(40) सेवर, राजकुमारी कोली (42) गांधीनगर सेवर, पूजा(13) गुदाबली कुम्हेर तथा प्रदीप जाटव (16) विजय नगर भरतपुर बताए हैं जबकि 2 मृतकों की शिनाख्त अभी बाकी है। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए हैं।

प्रधानमंत्री ने दी 2-2 लाख रुपये की सहायता

भरतपुर हादसे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक प्रकट किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भरतपुर की घटना को शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता है। मैं शोक संतप्त परिवारों के साथ हूं। उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री सहायता कोष से 2-2 लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री राजे ने जताया शोक

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भरतपुर हादसे पर शोक प्रकट करते हुए कहा विवाह स्थल पर हुए दुखद हादसे को सुनकर मन व्यथित हो गया। शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूं। प्रशासन को हर संभव सहायता के लिए निर्देश दिए गए हैं।

बारात रवाना होने वाली थी, हो गया हादसा

अन्नपूर्णा मैरिज होम में खुशी का माहौल था और लोग बारात रवाना होने से पहले नाश्ता कर रहे थे। कई लोग नाच रहे थे तो कुछ परिवार के साथ खुशी के इस पल को मोबाइल में कैद कर रहे थे। इस बीच अचानक आए तेज अंधड़ से भरभरा कर दीवार धराशायी हो गई और पाण्डाल व टैंट गिर पड़ा। अचानक शादी का माहौल चीख-पुकार में बदल गया। तेज अंधड के चलते इलाके की बिजली चली गई। इसके चलते दीवार के मलबे में दबे लोगों को निकालने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोगों ने मोबाइल टॉर्च की रोशनी का सहारा लिया। लेकिन हादसे का क्षेत्र बड़ा होने से मलबे में दबे लोगों को ढ़ंढने में भारी परेशानी उठानी पड़ी। बाद मे सर्च लाइट मंगवाई गई। स्थानीय लोगों ने जैसे-तैसे दबे हुए लोगों की मदद की, लेकिन जब उनका बस नहीं चला तो जेसीबी और कटर मंगवाने पड़े। जिसकी मदद से मलबे में फंसे लोगों को देर रात तक निकाला जा रहा था।

मिट्टी-गारे से बनी दीवार कच्ची थी

बारिश, ओले और अंधड से बचने के लिए जिसका सहारा लिया वहीं 24 जनों की मौत का कारण बनी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बाराती बारात रवाना होने से पहले नाश्ता कर रहे थे। तभी अचानक बारिश, ओले के साथ तेज अंधड शुरु हो गया। बाराती अचानक आई आफत से घबरा गए और दीवार का सहारा लेकर खडे हो गए। इस दीवार के ऊपरी हिस्से पर ही शैल्टर बने थे, जो आंधी से उड़ने लगे और फिर एकाएक इन शैल्टरों के मूवमेंट में यह दीवार उनका भार नहीं झेल पाई और फिर जो हुआ वह भयावह था। असल में दीवार कच्ची थी, केवल ईंटों के सहारे करीब 100 फीट लंबी और 15 से 20 फीट ऊंची बना दी गई थी। इस दीवार के बीच-बीच में एक भी सपोर्ट बीम नहीं था, जिसके कारण दीवार को मजबूती मिल सकती। यही नही दीवार को ईंटों के सहारे मिट्टी और गारे से चुन दिया गया। दीवार हल्के से अंधड में ढह गई जिसके कारण 24 लोग मौत का ग्रास बन गए।

गैर कानूनी था मैरिज गार्डन

भरतपुर का यह मैरिज गार्डन गैर कानूनी था। फिर भी इसके संचालन पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया। भरतपुर नगर निगम के मेयर का कहना है कि इस मैरिज होम को पूर्व में ही बंद किए जाने का नोटिस दे चुका है। लेकिन निगम केवल नोटिस देकर भूल गया, संचालन बंद नहीं कराया।

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