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राजनीति में महिलाओं की स्वीकार्यता अनिवार्य : मणिशंकर अय्यर

National. नई दिल्ली, 21 फरवरी =  कांग्रेस ने नगालैंड में स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के बाद हुई हिंसक घटनाओं पर दुख जताया है। कांग्रेस ने विश्व के बेहतरीन सरकार चलाने के लिए राज्य में महिलाओं को राजनीति में मंजूर न किये जाने पर खेद जताया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने मंगलवार को कहा कि यह किसी विडंबना से कम नहीं कि देश के एक राज्य में महिला आरक्षण का उग्र विरोध होता है। वह भी संयुक्त राष्ट्र ने 2007 में जिस राज्य की सरकार को विश्व की बेहतरीन सरकार करार दिया था वहां राजनिति में महिलाओं के लिए इस तरह का विरोध हो रहा है, यह बेहद चौंकाने वाला है। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा, क्यों नहीं राज्य की जनता महिलाओं को यह मौका देती?

उल्लेखनीय है कि नगालैंड की वर्तमान जेलियांग सरकार, जिसमें भाजपा भी शामिल है, उसने 24 नवम्बर 2016 को विधानसभा में संविधान-सम्मत नगालैंड नगरपालिका विधेयक (तीसरा संशोधन) पारित किया और 2012 के पुराने महिला आरक्षण विरोधी प्रस्ताव को रद्द कर दिया। जैसे ही प्रदेश सरकार ने 33 फीसदी महिला आरक्षण के साथ शहरी निकाय चुनाव 1 फरवरी 2017 को कराने की घोषणा की, एकाएक “नगा होहो” सहित सभी प्रमुख जनजातीय संगठनों ने इसका उग्र विरोध शुरू कर दिया। इन संगठनों के हिंसक प्रदर्शन, तोड़फोड़ और सरकारी कार्यालयों में आगजनी आदि से निपटने के लिए हुई पुलिस की गोलीबारी में दो व्यक्तियों की मौत हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लगा दी गई। यहां तक सेना भी बुलानी पड़ी। मुख्यमंत्री को इस्तीफा तक देना पड़ा| तत्पश्चात राज्यपाल पीबी आचार्य को गत नौ फरवरी को शहरी निकाय चुनाव को ही रद्द करना पड़ा।

हाफिज सईद की गिरफ्तारी होनी चाहिए.

वही मणिशंकर अय्यर ने जमात उद दावा के मुखिया हाफिज सईद पर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद निरोधक अधिनियम के तहत कार्ऱवाई की सराहना करते हुए कहा कि हाफिज की गिरफ्तारी होनी चाहिए।

मणिशंकर अय्यर ने मंगलवार को कहा, ‘पाकिस्तान में एक टीवी शो के दौरान उसे आमने-सामने देखा था। उसी वक्त मैंने कहा कि हाफिज की गिरफ्तारी होनी चाहिए।‘ मणिशंकर अय्यर ने बताया कि शो खत्म होने के बाद कुछ लोग उनके पास आए और कहा कि आप ने अच्छी बात कही है| हाफिज सईद के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई होनी चाहिए।

दरअसल आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान हमेशा से ये कहता रहा है कि उसकी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होता है। जमात उद दावा के मुखिया हाफिज सईद के बारे में पाकिस्तान हमेशा ये भारत सबूतों की मांग करता रहा है। लेकिन दमादम मस्त कलंदर की दरगाह पर हालिया आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के सुर बदले नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अब हाफिज सईद पाकिस्तान के लिए भी खतरा बन चुका है।

हाफिज सईद की नजरबंदी पर भारत सरकार की तरफ से बेहद सधी टिप्पणी आई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अगर पहले के इतिहास पर नजर डालें तो आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की नीति ढुलमुल रही है। पहली बार पाकिस्तान ने आतंकवाद निरोधक अधिनियम के तहत हाफिज पर कार्रवाई की है, जो सराहनीय है। लेकिन पाकिस्तान को पुख्ता तौर पर कदम उठाने होंगे ताकि आतंक के विषबेल को समूल नष्ट किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि हाफिज सईद एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी, मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड और लश्कर ए तैयबा : जमात उद दावा और उनसे संबद्ध संगठनों के जरिए पाकिस्तान के पड़ोसियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है।

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