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भारतीय मजदूर संघ ने पीएफ ब्याज दर में कटौती को सही ठहराया

नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने भविष्यनिधि संगठन के पीएफ ब्याज दर में 0.15 फीसदी की कटौती को सही ठहराया। बीएमएस के मुताबिक पीएफ ब्याज दर पर आयकर नहीं लगता, ऐसे में पीएफ ब्याज दर अभी भी बाजार में उपलब्ध सभी फिक्सड डिपॉजिट ब्याज दर से अधिक है। ऐसे में इस मामले पर सरकार का विरोध करने का कोई सवाल नहीं बनता।

जानकारी देते हुए बीएमएस के महासचिव व्रिजेश उपाध्याय ने कहा कि पीएफ पर 12 फीसदी ब्याज दर इतिहास की बात हो गई है। वर्तमान में जो वित्तीय हालात है, उसमें एफडी पर ब्याज दर 7 फीसदी तक ही मिलती है। वहीं पीएफ ब्याज दर इस कटौती के बाद भी 8.65 फीसदी है। हमें ये भी देखना चाहिए कि ये पीएफ पर ब्याज आयकर के दायरे में नहीं आता। ऐसे में आम कर्मचारी अभी भी फायदे में है।

भारतीय मजदूर संघ देश के सबसे बड़े श्रमिक संगठनों में से है। दक्षिणपंथी विचारधारा से प्रभावित होने के चलते इसका वर्तमान सरकार की श्रम नीतियों पर प्रभाव होता है। बताते चलें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अनुषांगिक संगठन होने के चलते मौजूदा सरकार में इसकी बात प्रभावशाली मानी जाती है।

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