पालघर – खून से सने तिरंगों को रख कर शहीदों को दी गई श्रधांजलि
पालघर : देश की आजादी के लिए अपने जान की कुर्बानी देने वाले शहीदों को पालघर व् आस पास के नेतावो , निवासियों और अधिकरियों द्वारा उनके खून से सने तिरंगे को रख कर उनकों भावपूर्ण श्रधांजलि दी गई .
14 अगस्त 1942 में पालघर के सातपाटी के रहने वाले काशिनाथ हरी पागधरे , नांदगाव के रहने वाले गोविंद गणेश ठाकूर, पालघर के रहने वाले रामप्रसाद भीमाशंकर तिवारी, सालवड के रहने वाले सकूर गोविंद मोरे, मुरबे के रहने वाले रामचंद्र महादेव चूरी यह पांच क्रन्तिकारी नवजवान पालघर में शहीद हो गए थे .
देखें विडियों – यह खुनी मंजर आज भी सभी को याद हैं …
अंग्रेजों की पुलिस ने अंधाधुंध चलाई थी गोली
स्वतंत्रता संग्राम की याद तो यू तो भुलाई नहीं जा सकती , लेकिन मुंबई के हुतात्मा चौक तरह ही पालघर का हुतात्मा चौक (पांचबत्ती )लोगो का ध्यान बरबर अपनी ओर खिच लेता है. बताया जाता है की 14 अगस्त 1942 को तहसीलदार कार्यालय पर ब्रिटिश शासन के खिलाफ सारे बंदोबस्त के बावजूद मोर्चा निकाला गया था जिस मोर्चा में पालघर और आस पास के कई हजारो लोग सामिल हुए थे पुलिस ने राममंदिर के पास इस मोर्चे को रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत झोक दी थी लेकिन पुलिस इस मोर्चे को रोकने में असफल हो गयी . जिसके बाद आख़िरकार पुलिस ने गोली चलाना शुरू कर दिया था. जिस गोली बार में यह पांच क्रन्तिकारी दोपहर 12.39 पर शहीद हो गए थे. जिस कहानी का मंजर आज भी सभी को याद हैं .
पालघर रेलवे स्टेशन से दस कदम की दुरी पर जहां यह सभी नवजवान शहीद हुए थे उस जगह पर उनकी याद में एक शहीद स्तंभ बनाया गया है.शहीदों के इस शहादत को याद करते हुए हर साल 14 अगस्त को पालघर के शाहिद स्तंभ पर इन शहीदों के खून से सने तिरंगे को रख कर शहीदों को श्रधांजलि दी जाती हैं. शहीदों को श्रद्धांजलि देने व उनके सम्मान में पालघर के सभी व्यापारी इस दिन अपनी-अपनी दुकाने बंद रखते हैं.
इस अवसर पर इस अवसर पर पालघर के सांसद राजेन्द्र गावित , कलेक्टर डॉ.माणिक गुरसल,जिप.सीईओ सिद्धाराम सालीमठ, एस पी दत्तात्रय शिंदे, विधायक श्रीनिवास वनगा,जिप अध्यक्ष वैदेही वाढण समेत पालघर नगरपरिषद की नगराध्यक्ष, नगर परिषद के सभी नगरसेवक ,सेविका साथ ही शहिदो के परिवार और उनके रिश्तेदार व् बड़ी संख्या पालघर के अन्य मान्यवर उपस्थित थे .