पालघर : अमरनाथ में हुए आतंकवादी हमले को लेकर बजरंग दल और शिवसेना आमने सामने !
केशव भूमि नेटवर्क,पालघर ( 14 जुलाई 17 ) : पालघर में शिवसेना के उपनागराध्यक्ष रईस खान द्वारा बजरंगदल के कोकण क्षेत्र के प्रांत अध्यक्ष विक्रम भोईर के खिलाफ मुस्लिम भावना भड़काने का मामला दर्ज करवाने के बाद पालघर में शिवसेना और बजरंग दल आमने सामने आ गयी है .जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में हल चले तेज हो गई है .
दरसल बुधवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार को अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए जानलेवा आतंकवादी हमले के विरोध में बुधवार को बजरंगदल ,व सभी राजनितिक पार्टियों की तरफ से पालघर बंद करने का एलान किया गया था. बंद के दौरान लोगो ने रैली निकाल कर पाकिस्तान के विरोध नारेबजी करते हुए इस घटना के प्रति अपना रोष व्यक्त किया था . साथ ही इस घटना में मारे गए लोगो को श्रधांजलि भी दिया .इस दौरान पालघर के पांचबत्ती पर इस घटना का विरोध करते हुए और अपना रोष व्यक्त करते हुए ठाणे से आये बजरंगदल के कोकण क्षेत्र के प्रांत अध्यक्ष विक्रम भोईर ने अपने भाषण में कहा था की जिस प्रकार अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर जान लेवा हमला हुआ है वह बर्दास्त नहीं किया जाएगा .
और यह अमरनाथ यात्रा पूरी होगी. अगर दुबारा अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमला हुआ तो हम हज के लिए एक भी बस नहीं जाने देंगे .विक्रम भोईर के इसी बयान को लेकर बुधवार देर रात पालघर के शिवसेना के उपनगराध्यक्ष रईश खान ने विक्रम भोईर के खिलाफ मुस्लिम भावना भड़काने का मामला दर्ज करवाया है .अगर सूत्रों की माने तो इस मामले को लेकर बुधवार को आधी रात तक रईश के घर पुलिस आधिकारियो की बैठक चली जिसके बाद यह मामला दर्ज हुआ .मामला दर्ज होने के बाद से पालघर में शिवसेना और बजरंगदल आमने सामने दिखाई दे रही है .
वही बजरंग दल के लोगो का कहना है कि हम शिवसेना प्रमुख स्व. बाल साहेब ठाकरे के उस बयान के गुलाम है जो उन्होंने कहा था कि अगर एक भी अमरनाथ यात्री को खरोच आयी तो हम हज के लिए एक भी प्लेन नही उड़ने देंगे . लेकिन शिवसेना के लोग बाला साहेब के इस बयान को भूल गए है जो उन्हें याद करने की जरुरत है. हालांकि पालघर जिला शिवसेना अध्यक्ष उत्तम पिंपले का कहना है कि इस मामले के बारे में हमे कोई जानकारी नही दी गयी थी .जानकारी होने के बाद से इस मामले को लेकर मैं गंभीर हु ,हमारे पक्ष की भूमिका कोई अकेले नही ठहरा सकता.
शिवसेना को भरना पड सकता है हर्जाना ?
इस मामले को लेकर राजनितिक जानकारों का कहना है की शिवसेना के पदाधिकारी जितना आसानी से इस मामले को देख रहे है वह इतना आसान नहीं है .इस मामले से हिन्दुत्व वादी शिवसेना की व उसकी विचार धारा इस क्षेत्र में धूमिल हुई है .और समय रहते हुए शिवसेना ने अगर इसे सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो आने वाले समय में शिवसेना को इसका बड़ा हर्जाना भरना होगा और इसका फायदा दूसरी राजनितिक पार्टिया उठा सकती है . अब आने वाले समय में यह देखने वाली बात होगी की यह ऊट किस करवट बैठता है .
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