नई दिल्ली 09 जनवरी = पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सेबी ने जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय देने की मांग की । कोर्ट ने सेबी को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया । कोर्ट ने केंद्र से कहा कि एक ही एसआईटी सभी मामलों की जांच करे, ये ठीक नहीं है । हमें इस मामले की जांच के लिए दूसरी एसआईटी के गठन के संबंध में सोचना चाहिए ।
इसके पहले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि ये एक गंभीर मसला है और सरकार ने इसकी जांच के लिए मल्टी एजेंसी ग्रुप बनाया है । इस ग्रुप ने काले धन के मसले पर बने एसआईटी को पांच रिपोर्ट सौंपी है । इनमें से एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंप दी गई है ।
पिछली सुनवाई के दौरान सेबी ने कहा कि उसका इस मसले से कोई लेना देना नहीं है और उसका नाम प्रतिवादी की सूची में डालकर बिना मतलब के घसीटा जा रहा है । उसका नाम प्रतिवादी की सूची से हटाया जाए।
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मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और वकील मनोहरलाल शर्मा ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार पनामा पेपर्स लीक मामले के हाई प्रोफाईल लोगों को बचाने में लगी है । उन्होंने पनामा पेपर्स लीक मामले में एक फिल्म अभिनेता और एक बड़े वकील का नाम लिया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चेतावनी दी थी कि वे नाम नहीं लें ।
ये है मामला: 15 लाख दस्तावेज हुए थे लीक.
पनामा स्थित लॉ फर्म मोसाक फोन्सेका से लीक हुए एक करोड़ 15 लाख दस्तावेजों में दुनियाभर की कई मशहूर हस्तियों के नाम सामने आए थे, जिन्होंने कथित तौर पर इस फर्म की मदद से टैक्स चोरी करते हुए ‘टैक्स हेवन’ कहे जाने वाले देशों में अपना काला धन छिपाया था . इस मामले में अमिताभ बच्चन और उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन जैसे भारत के भी 500 नामी लोगो का नाम शामिल था.