चंडीगढ़, 15 जनवरी (हि.स.)। कुरूक्षेत्र के झांसा गांव की नाबालिक युवती के अपहरण व दुराचार प्रकरण में पुलिस ने तीन से चार युवकों को हिरासत में लिया है। पुलिस की विशेष जांच टीम इन युवकों से पूछताछ कर रही है। दूसरी तरफ युवती के गायब होने के केस में लापरवाही दिखाना एसएचओ पर भारी पड़ा है। एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है। सोमवार को झांसा गांव की नाबालिक दलित युवती की दुराचार व हत्या प्रकरण में पुलिस खासी सक्रिय दिखी। कुरूक्षेत्र एसपी द्वारा डीएसपी गुरमेल सिंह के नेतृत्व में गठित विशेष जांच टीम ने तीन से चार युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इन युवकों को कब हिरासत में लिया गया तथा इन्होंने अभी तक इस केस से सम्बन्धित क्या जानकारी दी है। पुलिस के अधिकारी इस संदर्भ में कुछ भी नहीं बता रहे हैं।
गौरतलब है कि झांसा गांव की नाबालिक युवती अपने घर से शुक्रवार को ट्यूशन पढ़ने निकली थी। लेकिन वह घर नहीं पहुंची। इस प्रकरण में उसके परिजनों ने झांसा थाने में गायब होने की शिकायत भी दी थी। इस युवती की लाश अर्द्धनग्न अवस्था में जींद जिले के बूढ़ाखेड़ा गांव में शुक्रवार की रात्रि में मिली थी। युवती के लाश का जब शनिवार को रोहतक पीजीआई में पोस्टमार्टम कराया गया, तो उसके शरीर के संवेदनशील अंग काफी क्षतिग्रस्त पाये गए थे। पीजीआई रोहतक के चिकित्सकों का कहना है कि युवती के संवेदनशील अंग में किसी नुकीली चीज से प्रहार किया गया है। युवती का शव जब कुरूक्षेत्र के सामान्य अस्पताल पहुंचा तो उसके परिजनों ने रविवार को शव को लेने व अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था।
उनकी मांग थी कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच की जाए तथा पीडि़ता के परिजनों को निर्भया कोष से पचास लाख की सहायता दी जाए। इसके साथ ही अपहरण की केस दर्ज होने के बाद लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। परिजनों की नाराजगी को देखते हुए रविवार की शाम को हरियाणा के राज्यमंत्री कृष्ण बेदी ने नाराज परिजनों को मनाया। इसके बाद परिजनों ने युवती का अंतिम संस्कार किया। राज्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षक को इस प्रकरण में ढिलाई बरतने वाले झांसा एसएचओ को लाइन हाजिर करने के साथ पीडि़ता के परिजनों की सुरक्षा में दो पुलिस कर्मी तैनात करने के निर्देश दिए थे।