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जेपी समूह के फ्लैट खरीददारों की जल्द सुनवाई संबंधी याचिका खारिज

नई दिल्ली, 14 दिसम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह के फ्लैट खरीददारों की जल्द सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया है। फ्लैट खरीददारों ने सुप्रीम कोर्ट से आज या कल मामले की सुनवाई की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल इस मामले में जल्द नहीं सुनवाई की जा सकती। कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश का जेपी पहले पालन करेगा, उसके बाद इस मामले की सुनवाई की जाएगी।

पिछले 22 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह के निदेशकों और उनके रिश्तेदारों को बिना कोर्ट की अनुमति के अपनी व्यक्तिगत संपत्ति बेचने से मना कर दिया था। जेपी समूह द्वारा दो हजार करोड़ रुपए न जमा कर पाने की स्थिति में कोर्ट ने उन्हें किश्तों में रकम जमा करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 275 करोड़ रुपए जमा कराएं। 10 दिसंबर तक 150 करोड़ और 31 दिसंबर तक 125 करोड़ रुपए सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराएं। आज जेपी समूह ने 275 करोड़ रुपए सुप्रीम कोर्ट में जमा कराए। कोर्ट ने सभी निदेशकों को 10 जनवरी को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई भी 10 जनवरी को होगी।

कोर्ट ने कहा था कि लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई जेपी समूह में निवेश किया जिससे कंपनी रियल एस्टेट क्षेत्र में सबसे ऊपर पहुंच गया। लेकिन अब उसे निवेशकों के पैसे चुकाने के लिए नीचे आना होगा।

पिछले 18 सितंबर को जेपी समूह के करीब चार सौ फ्लैट खरीददारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया और मांग की कि उपभोक्ता कानून के तहत उन्हें सुरक्षा प्रदान दी जाए। इन फ्लैट खरीददारों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि जेपी एसोसिएट्स की संपत्ति को जेपीइंफ्राटेक को ट्रांसफर किए जाने के मामले की जांच की जाए।

पिछले 11 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरु करने के एनसीएलटी के इलाहाबाद बेंच के फैसले पर अपने आदेश में संशोधन करते समय जेपी समूह को निर्देश दिया था कि वो 27 अक्टूबर तक दो हजार करोड़ रुपये जमा करे। कोर्ट ने कहा था कि जेपी ग्रुप का प्रबंध निदेशक और कोई भी निदेशक बिना कोर्ट की पूर्व अनुमति के विदेश नहीं जा सकता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी के इलाहाबाद बेंच के दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरु करने को हरी झंडी दे दी। कोर्ट ने इस प्रक्रिया को चलानेवाले इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को निर्देश दिया था कि वे 45 दिनों के अंदर पूरी योजना बताएं।

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