गुवाहाटी, 17 जनवरी (हि.स.)। असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ लगाए गए आरोपों का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा है कि देश का लोकतंत्र खतरे में है। जब उच्चतम न्यायालय की यह स्थिति है तो निचले न्यायालयों की क्या होगी।
उन्होंने कहा कि चार न्यायाधीशों द्वारा लगाए गए आरोपों की उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए। गुवाहाटी में सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कई विस्फोटक बयान दिए।
उन्होंने कहा कि असम में आंदोलन के दौरान शहीद हुए 855 लोगों की हत्या प्रफुल्ल कुमार महंत ने कराई थी। केंद्र सरकार के निर्देश पर यह हत्या प्रफुल्ल महंत के द्वारा ही कराई गई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रफुल्ल महंत इन दिनों दोतरफा बातें कहते हैं। एक तरफ सरकार का विरोध भी कर रहे हैं और दूसरी तरफ असम गण परिषद राज्य की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को समर्थन भी दे रही है। यदि ऐसा है तो अगप को सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए।
राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल पर कटाक्ष करते हुए गोगोई ने कहा कि सर्वानंद सोनोवाल अधिक समय तिनसुकिया में ही बिताते हैं। दो पदाधिकारियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर राज्य का कामकाज उन्हीं से कराया जा रहा है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अभी असम की राजधानी कहां है यह पता ही नहीं चलता है।
कृषक नेता अखिल गोगोई द्वारा तीसरा मोर्चा गठन कर आगामी विधानसभा चुनाव में असम विधानसभा के लिए चुनाव लड़ने के संबंध में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवाल पर गोगोई ने कहा कि अखिल गोगोई का सपना सपना ही रह जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा को सरकार में लाने में जितना योगदान अजमल का है उतना ही अखिल गोगोई का भी है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा असम विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने अखिल गोगोई का स्वागत किया था। अब, बुधवार को तरुण गोगोई ने अखिल गोगोई का विरोध कर दिया। ऐसे में कांग्रेस की स्थिति लगातार हास्यास्पद होती जा रही है।