एम के स्टालिन बने DMK के नए अध्यक्ष, राहुल गांधी ने दी बधाई
नई दिल्ली ( 28 अगस्त ): डीएमके संस्थापक करुणानिधि के निधन के बाद तमिलनाडु में डीएमके की सियासत में 49 साल के बाद मंगलवार को नेतृत्व परिवर्तन हो गया। एम. करुणानिधि के निधन के बाद उनके बेटे एम. के स्टालिन को अध्यक्ष चुन लिया गया। इसके साथ ही पार्टी में चल रही वर्चस्व की जंग पर फिलहाल विराम लग गया है।
मंगलवार को पार्टी की महापरिषद की बैठक में डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष और दिवंगत एम करुणानिधि के छोटे बेटे एमके स्टालिन को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा वरिष्ठ नेता और पार्टी के प्रधान सचिव दुरईमुरुगन को पार्टी का नया कोषाध्यक्ष चुना गया है।
चेन्नई स्थित डीएमके मुख्यालय में महापरिषद की बैठक की तैयारियां जोरों पर चल रही थीं। स्टालिन की अध्यक्ष बनने के जश्न में डूबे उनके समर्थक जमीन से लेकर सोशल मीडिया तक एक-दूसरे को बधाइयां दे रहे हैं। #DMKThalaivarStalin मंगलवार सुबह से टॉप ट्रेंड में है।
स्टालिन ने अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए रविवार को पार्टी मुख्यालय पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। पार्टी कोषाध्यक्ष के लिए वरिष्ठ नेता और पार्टी के प्रधान सचिव दुरईमुरुगन ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। यह पद भी अब तक स्टालिन के पास था।
अध्यक्ष पर पर चुने जाने के बाद स्टालिन ने अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया और कार्यालय में पार्टी संस्थापक सीएन अन्नादुरई और अपने पिता एम करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी। साथ ही डीएमके की महापरिषद में एक प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार से तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम करुणानिधि को भारत रत्न देने की मांग की गई।
स्टालिन को डीएमके का अध्यक्ष चुने जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बधाई दी है। राहुल ने कहा कि मैं उनकी खुशी और सफलता की कामना करता हूं क्योंकि वह अपनी राजनीतिक यात्रा में एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं।
एम करुणानिधि के निधन के बाद उनके 65 वर्षीय बेटे स्टालिन को अध्यक्ष चुनने की तैयारी काफी पहले से शुरू हो गई थी। रविवार को औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल करने से पहले स्टालिन, दुरईमुरुगन और वरिष्ठ पार्टी नेताओं टी आर बालू तथा ए राजा ने करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल से उनके गोपालापुरम आवास पर जाकर मुलाकात की थी।