अब उपभोक्ता फोरम तय करेगा मां के दूध की कीमत
झांसी, 18 अप्रैल (हि.स.)। एक अजीबोगरीब केस जिला उपभोक्ता फोरम फोरम के पास आया है। मप्र के दतिया निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि गलत ब्लॅड चढ़ जाने से एक युवती की प्रसव के बाद मौत हो गई। मामले को मृतका का पति उपभोक्ता फोरम में ले गया है। दायर किए गए वाद में पीड़ित पति ने गलती करने वालों से मृतका के दोनों मसूमों के दूध और मातृत्व की कीमत की मांग की है।
दतिया के कृष्णा नगर काॅलोनी निवासी रीतेश शर्मा अपने परिवार में इकलौते बेटे हैं। वर्तमान में वह एक प्राइवेट कम्पनी में सेल्समैन का कार्य करते हैं। रीतेश ने झांसी के जिला उपभोकता फोरम में अपनी पत्नी की मौत का जिम्मेदार मेडिकल काॅलेज के ब्लॅड बैंक को ठहराते हुए आरोपी अधिकारी और कर्मचारियों an>पत्नी की मौत के बाद मासूम दो बच्चों से छीने गए मातृत्व और दूध की कीमत तय करने की मांग की है। बताते चलें कि रीतेश का विवाह 2009 में प्रियंका के साथ हुआ था। उसकी एक बच्ची नोएडा में पैदा हुई, जो करीब चार वर्ष की होगी। वहीं दूसरी डिलेवरी के लिए दो वर्ष पूर्व वह अपनी पत्नी प्रियंका को मेडिकल काॅलेज के सामने स्थित एक प्राइवेट हाॅस्पिटल में लाया था। प्रसव आॅपरेश के माध्यम से हुआ। तब तक तो सब कुछ ठीक था। प्रसव के बाद उसे बताया गया कि उसकी पत्नी की हालत नाजुक है। खून की जरूरत है। इस पर वह डिमांड पेपर लेकर मेडिकल काॅलेज के ब्लॅड बैंक पहुंचा। वहां पर उसके पेपर को देख एक कर्मचारी उसके साथ आया और सेंपल निकाल कर उसे खून की व्यवस्था कराई। ब्लॅड चढ़ते ही उसकी पत्नी प्रियंका की हालत खराब हो गई।
छह मार्च को उसे एक अन्य प्राइवेट हाॅस्पिटल में यह कहते हुए भेज दिया गया कि मरीज के गुर्दे फेल हो गए हैं। और यह भी बताया गया कि उसमें मेडिकल काॅलेज में एक सम्मानित पद पर कार्यरत चिकित्सक उसे देखेंगे। जब मरीज को लेकर रीतेश उस प्राइवेट हाॅस्पिटल में पहुंचा तो वहां इस शर्त पर उपचार शुरू हुआ कि कुछ भी होता है तो जिम्मेदारी हाॅस्पिटल की नहीं होगी। 10 मार्च को आखिरकार उसकी पत्नी की मौत हो गई। अचानक मुसीबत का पहाड़ टूटने से वह बुरी तरह परेशान हो गया। इस बीच उसे यह भी याद नहीं रहा कि उसके पास मृत्यु प्रमाण पत्र में उसकी पत्नी की मौत का कारण लिखा है। करीब दो वर्ष बाद जब वह घर की सफाई कर रहा था। इसी दौरान उसके पड़ोसी की नजर उस मृत्यु प्रमाण पत्र पर पड़ी। जिसे देखकर उसे पूरानी घटना याद आ गई और उसने पड़ताल के बाद मासूमों से छिने मातृत्व और मां के दूध की कीमत के मुआब्जे के लिए उपभोक्ता फोरम से गुहार लगाई है। इसकी 18 अप्रैल 2017 को सुनवाई भी है। समाचार लिखे जाने तक पीड़ित उपभोक्ता फोरम पहुंच चुका था।
गलत समूह का ब्लॅड चढ़ाने से हुई मौत
उसने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी का ब्लॅड ग्रुप ओ पाॅजीटिव था। जबकि उसे मेडिकल काॅलेज के ब्लॅड बैंक से एबी पाॅजीटिव ब्लॅड चढ़वाया गया। संभवतः इसी से उसकी पत्नी की मौत हो गई। यही नहीं मृत्यु प्रमाण पत्र में भी इसका जिक्र किया गया है।