छपरा (सारण),10 जनवरी = हांड़ कंपा देने वाली ठंड और ऊपर से खुले आसमान के तले तिरपाल के घर में रहना उन गरीब परिवारों के लिए आदत बन गई है जिनके घर दो माह पहले आग की भेंट चढ़ गए। इसकी एवज में सरकार से मिलने वाले सरकारी पैसे ऊंट के मुंह में जीरे का फोरन ही साबित हुए हैं | उनके बीबी-बच्चे आज फुटपाथों पर रहने को मजबूर हैं ।
गौरतलब है कि मांझी प्रखंड क्षेत्र के शीतलपुर पंचायत के कोढ़वा गांव में भीषण आग लग गई जिसमें पांच गरीबाें की झोपड़ियां तबाह हो गयीं थीं। मांझी विधान सभा क्षेत्र के विधायक विजय शंकर दुबे, मांझी सीओ सिद्ध नाथ सिंह तथा पंचायत के मुखिया जनप्रतिनिधि व दर्जनों लोगों ने सरकारी मुआवजे के तौर पर प्रत्येक पीड़ित परिवार को 6-6 हजार रुपये नकदी दी थी जबकि उन्हें 98 सौ रूपये मिलना था। वहां के विधायक दुबे ने पीड़ितों को अविलंब 38 सौ रुपये हर परिवार के प्रधान के खाते में जमा कराने का आश्वासन दिया था मगर दो माह बाद भी उन्हें वह राशि नसीब नहीं हुयी है।
गांव को जल्द ही बिजली उपलब्ध करने का भी आश्वासन भी दिया गया जो आज तक पूरा नहीं हो सका है। वहीं बिजली का पोल लगाने का कार्य अभी बंद है, हालांकि वे गिराए जरूर गए हैं । कोई अधिकारी व कर्मचारी भी लोगों की सुधि लेने नहीं आ रहे हैं। इस सम्बन्ध में पंचायत के मुखिया पुष्पा देवी व सरपंच शम्भुनाथ का कहना है कि अग्नि पीड़ित परिवार जिस जमीन पर पहले से घर बनाकर रहते थे वह जमीन आम गैर मजरुआ जमीन है। इसपर कुछ ग्रामीणों द्वारा आपत्ति पत्र भी दिया गया है।
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हालात ऐसी है कि जबतक सीओ द्वारा बंदोबस्ती का कार्य नहीं किया जाता, तबतक इन लोेगों के लिए आवास बनाना भी मुश्किल है। पांच पीडि़तों में दो की पहले से बीपीएल सूची में नाम तो दर्ज है, लेकिन इस बात की संभावना जताई जा रही है कि तीन और पीड़ितों का नाम बीपीएल में जुड़ने के बाद ही उनके लिए आवास बन पाएंगे ।