नई दिल्ली, 05 जनवरी = नोटबंदी के बाद जनता आम जन को हुई दिक्कतों के बाद राहत भरी खबर देने के लिए केंद्र सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार यूनिवर्सल बेसिक इनकम योजना लागू कर सकती है। इसके तहत हर नागरिक को हर माह उसकी आमदनी के तौर पर एक तयशुदा रकम मिलेगी। आर्थिक सर्वे और आम बजट में इस बाबत घोषणा हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, योजना पर सहमति बन गई मगर अभी इस बात पर अंतिम निर्णय लेना बाकी है कि क्या सभी को पैसा दिया जाए या फिर केवल बेरोजगारों को इसके दायरे में लाया जाए। सरकारी सूत्र बताते हैं कि जिनके पास कमाई का जरिया नहीं है उन्हें पैसा दिया जा सकता है। हर अकाउंट में 500 रुपये डाल कर योजना की शुरुआत हो सकती है। इससे करीब 20 करोड़ जरूरतमंदों को फायदा मिल सकता है। बता दें कि यह प्रस्ताव लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग ने तैयार किया है। जिनेवा से उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार से जुड़े एक जिम्मेदार शख्स ने इस योजना की पुष्टि की है।
इंदौर के 8 गांवों की 6,000 आबादी के बीच साल 2010 से 2016 के बीच इस स्कीम का प्रयोग किया गया। पुरुष-महिला को 500 और बच्चे को हर महीने 150 रुपये दिए गए। इन पांच सालों में इनमें अधिकतर ने इस स्कीम का लाभ मिलने के बाद अपनी आय बढ़ा दी। इसके अलावा राजधानी दिल्ली में लगभग दो सौ लोगों के बीच प्रयोग सफल रहा। प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग के अनुसार, इनकी केस स्टडी को सरकार ने देखने-समझने के बाद ही आगे बढ़ने का मन बनाया है।
आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग ने कहा कि यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम पर पेश रिसर्च को इकनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढ़िया ने उनसे इस बारे में बात की थी और जानकारी दी थी। वहीं, आर्थिक जानकारों का मानना है कि योजना तभी सफल होगी जब अमीर-गरीब का भेद किए बिना हर नागरिक को खास इनकम हर महीने मिले।