नई दिल्ली, 02 जनवरी = हरिद्वार में सीवेज के कारण होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कई परियोजनाएं तैयार की गई हैं।
नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा नदी को बचाने का एक एकीकृत प्रयास है और इसके अंतर्गत व्यापक तरीके से गंगा की सफाई को प्रमुखता दी गई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत नदी की सतही गंदगी की सफाई, सीवरेज उपचार के लिए बुनियादी ढांचे, नदी तट विकास, जैव विविधता, वनीकरण और जन जागरूकता जैसी प्रमुख गतिविधियां शामिल हैं।
जल संसधान मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार इसके अंतर्गत हरिद्वार के जगजीतपुर में 110.30 करोड़ रुपये की लागत से 68 एमएलडी के एसटीपी और सराय में 25 करोड़ की लागत से 14 एमएलडी के एसटीपी के बुनियादी ढांचे के निर्माण का काम पीपीपी मॉडल पर किया जाएगा।
टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होते ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति द्वारा प्रशासनिक और व्यय संबंधी मंजूरी दी जाएगी। इसी के अंतर्गत वाराणसी के रमन्ना में 120 करोड़ रुपये की लागत वाले 50 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को मंजूरी दी गई है। उत्तर प्रदेश पेय जल निगम को टेंडर के लिए नोटिस जारी करने का निर्देशि दिया गया है। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होते ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति द्वारा प्रशासनिक और व्यय संबंधी मंजूरी दी जाएगी।