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सोनिया के नेतृत्व में विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में जुटी कांग्रेस

नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ बजट सत्र के दौरान मोर्चाबंदी के लिए फिर से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद की है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार इस सिलसिले में पिछले दिनों प्रमुख विपक्षी दलों के साथ दो बैठकें कर चुके हैं। खास बात यह है कि शरद पवार की बैठक में कांग्रेस के दो प्रमुख नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा शामिल हुए थे। दोनों नेताओं ने बैठक में यह प्रस्ताव रखा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्ष की एक अह्म बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाए लेकिन, शरद पवार की बैठक में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), डीएमके, समाजवादी पार्टी (सपा) शामिल नहीं हुई ।

शरद पवार की बैठक में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के संविधान का हवाला देते हुए कहा कि संसद में अभी भी कांग्रेस की संसदीय समिति की नेता सोनिया गांधी ही हैं। संसद में विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए सोनिया गांधी का नेतृत्व ही उपयुक्त और सर्वमान्य रहेगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि जल्द ही विपक्षी दलों की एक बड़ी बैठक सोनिया गांधी के नेतृत्व में होगी। 

वहीं बजट सत्र के पहले चरण के समाप्त होने के बाद फरवरी के अंत में कांग्रेस प्लेनरी सत्र बुला सकती है। लोकसभा चुनावों के जल्द होने की संभावना बढ़ गई है। उम्मीद की जा रही है कि इसी वर्ष कुछ राज्यों के साथ लोकसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। 

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ऐसे में इस मौके का उपयोग कार्यकर्ताओं में राजनीतिक विश्वास पैदा करने के लिहाज से प्लेनरी सत्र बुला रही है। इसका एक और प्रमुख कारण राहुल गांधी के कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनने का अंतिम अनुमोदन करने की पार्टी की संवैधानिक अनिवार्यता को पूरा करना भी है। पार्टी के इस सत्र के लिए दिल्ली या पंजाब के विकल्प पर विचार किया जा रहा है।

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