सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक पर सुनवाई शुरू
नई दिल्ली, 11 मई = सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान बेंच ने ट्रिपल तलाक के मसले पर सुनवाई शुरू की। कोर्ट ने साफ कहा कि वो बहु-विवाह के मसले पर सुनवाई नहीं करेगा। कोर्ट इस बात कि पड़ताल करेगा कि ट्रिपल तलाक मुस्लिमों के धर्म की स्वतंत्रता के तहत आता है कि नहीं। सुनवाई कर रहे जजों में चीफ जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस आर एफ नरीमन, जस्टिस जोसेफ कुरियन, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल हैैं।
इस मामले में एक याचिकाकर्ता शायरा बानो के वकील अमित सिंह चड्ढा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ पर कहा कि ट्रिपल तलाक महिलाओं के साथ भेदभाव करता है । कोर्ट का सहयोग कर रहे सलमान खुर्शीद ने कहा कि केवल तलाक कहने के तुरंत बाद से तलाक नहीं हो जाता है । दोनों पक्षों के लोग समझौते की कोशिश करेंगे और अगर वह असफल रहता है तब काजी को सूचित किया जाता है । तलाक कहने के बाद भी एक प्रक्रिया होती है जिसका पालन करना होता है । अगर तलाक कहने के तीन महीने के बाद उसे वापस नहीं लिया जाता है तब ये तलाक मान्य होता है । ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रतिनिधित्व कपिल सिब्बल कर रहे हैं । उन्होंने सलमान खुर्शीद का समर्थन करते हुए कहा कि ये कोई मसला ही नहीं है । सुनवाई में केंद्र का प्रतिनिधित्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कर रहे हैं ।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई के लिए छह दिन नियत किए हैं। तीन दिन उनके लिए जो इसका समर्थन कर रहे हैं और तीन दिन उनके लिए जो इसका विरोध कर रहे हैं।