नई दिल्ली, 05 जनवरी = सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटेगेशन की तरफ से वकील प्रशांत भूषण द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया है कि वह वर्ष 2005-06 एयर इंडिया द्वारा एयरक्राफ्ट खरीदी में घोटाले की जांच करे । चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीबीआई को जून तक इस घोटाले की जांच पूरी करने का आदेश दिया ।
प्रशांत भूषण ने याचिका में कहा है कि ये घोटाला उस समय हुआ जब नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल थे। उस वक्त यूपीए की सरकार थी । उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि पटेल की वजह से एयर इंडिया को बायोमेट्रिक सिस्टम की खरीदी में गड़बड़ी की । ये खरीदी एक हजार करोड़ रुपये में की गई । याचिका 2012 में प्रशांत भूषण ने दायर की थी । प्रशांत भूषण ने इसकी सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने का आग्रह किया था । कोर्ट ने कहा कि उस समय की सरकार दूसरी थी और अब सरकार बदल गई है| लिहाजा हमें जांच एजेंसियों पर भरोसा करना चाहिए ।
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याचिका में विमानों को लीज पर लेने के मामले की जांच कराने का भी अनुरोध किया गया, जिसके कारण हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। एयर इंडिया पर निजी एयरलाइंस कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए उड़ान का लाभदायक मार्ग तथा समय छोड़ने का आरोप लगाते हुए इसकी भी जांच कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया है कि उस वक्त एयर इंडिया का मुनाफा 100 करोड़ रुपये का था लेकिन 111 विमानों की खरीदी के बाद कम्पनी घाटे में चली गई और यह घाटा बढ़ता ही गया। याचिका के अनुसार, इन फैसलों से किसी को फायदा हुआ है तो सिर्फ विदेशी विमान निर्माताओं और निजी व विदेशी एयरलाइंस कम्पनियों को।