सावधान : पटाखा फोड़ते समय इस तरह बच्चों पर रखें खास नजर
लखनऊ, 14 अक्टूबर : दीपावली खुशियों का त्यौहार हैं परन्तु यह देखा गया है कि दीपावली के दिन पटाखों के इस्तेमाल की वजह से अनेक जले हुए मरीज आते हैं। इसलिए दीपावली पर बच्चों को अकेले पटाखा दगाने के लिए न छोड़ें। माता-पिता की उपस्थिति में ही बच्चे को पटाखा छोड़ने की अनुमति दें। अन्यथा जरा सी लापरवाही दुर्घटना का सबब बन सकती है।
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दुर्घटना से बचाव को इन बातों का रखें ध्यान
1. पटाखों को किसी खुली जगह या खुली छत पर ही जलाये। घर के अन्दर या किसी भी बंद जगह में पटाखे न जलाये। किसी ज्वलनशील पदार्थ (जैसे पेट्रोल, मिट्टी का तेल या ईधन गैस) के आस-पास पटाखे न जलाये।
2. पटाखों को दूर से ही जलाये। ऊपर से झाँकते हुए पटाखों को न जलाये। बेहतर होगा कि किसी लम्बे डण्डे में मोमबत्ती या अगरबत्ती बाँध कर ही पटाखों को जलाये।
3. अधजले पटाखो से छेड़छाड़ न करे। राकेट को सीधी ऊपर की दिशा में रख कर ही चलाये। चकरी को पटाखों के ढेर से दूर रख की ही चलाये। सीटी व बम का इस्तेमाल न करे।
4. बच्चों को अकेले पटाखे न जलाने दे।
5. पटाखे जलाते वक्त ढीले व सिथेंटिक कपड़े न पहने।
6. हमेशा घर में 2-3 बाल्टी साफ पानी का इन्तजाम करके रखे, जिसको किसी अकस्मात घटना के समय उपयोग किया जा सके।
जलने के उपरांत प्राथमिक उपचार
1. जल जाने पर जले हुए घाव को शीघ्रतिशीघ्र ढेर सारे साफ पानी से 15- 20 मिनट तक लगातार धोये।
2. जले हुए घाव पर किसी भी प्रकार की मिट्टी, गोबर या राख न लगाये।
3. शीघ्र ही किसी डाक्टर से सम्पर्क स्थापित करे।
पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेन्ट आफ प्लास्टिक सर्जरी किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा जनहित में प्रकाशित। (हि.स.)।