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सहरसा : शहादत दिवस पर पुलिस कर्मियों ने शहीद DSP सतपाल सिंह को दी श्रद्धांजली

पटना, सनाउल हक़ चंचल

सहरसा : अपराधियों से मुठभेड़ में शहीद हुए सिमरीबख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के पहले अनुमंडल पदाधिकारी सतपाल सिंह की 19 वीं शहादत दिवस मनायी गयी. पुलिस लाईन में आयोजित समारोह में पुलिस अधीक्षक अश्वनी कुमार, सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी, मुख्यालय डीएसपी कुमारी रश्मि, सदर थानाध्यक्ष आरके सिंह, पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंह, मंत्री सुरेन्द्र यादव, उपाध्यक्ष नागेन्द्र राम सहित पुलिस जवानों ने शहीद डीएसपी के स्मारक स्थल पर माल्यार्पण किया. इससे पूर्व पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी ने परंपरागत तरीके से शस्त्र झुकाकर डीएसपी को श्रद्धांजलि दी.

जानकारी हो कि वर्ष 1998 में आज ही के दिन तत्कालीन डीएसपी सतपाल सिंह अपराधियों की गोलीबारी में शहीद हो गये थे. दर्जनों अपराधियों के सूचना पर पहुंचे डीएसपी व पुलिस जवानों ने अपराधियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा लेकिन अत्याधुनिक हथियारों से लैस दर्जनों अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दिया. जिसके बाद पुलिस द्वारा भी जवाबी कार्रवाई की गयी. अपराधियों के हमले में हवलदार गणेश रजक घायल हो गए और डीएसपी शहीद हो गये.

कैसे हुई थी डीएसपी की हत्या डीएसपी सतपाल सिंह को गुप्त सूचना मिली थी कि सलखुआ थाना के बनमाईटहरी ओपी के नन्हा चमराही टोला स्थित दो मंजिला पक्के छतदार बासा पर कुख्यात अपराधकर्मी घातक हथियारों से लैश होकर छिपे हैं. इसी सूचना पर सुरक्षा बलों के साथ रात्री में ही डीएसपी पहुंचे और वहां घेराबंदी की. साढ़े छह बजे सुबह डीएसपी द्वारा मकान का निचला दरवाजा खुलवाने का प्रयास कर अपराधियों को आत्मसमर्पण करने को कहा गया. इतने में ही छत पर मौजूद अपराधकर्मियों ने पुलिस बल पर अत्याधुनिक हथियार से फायरिंग शुरू कर दिया.

डीएसपी ने भी अपनी सरकारी पिस्तौल से जवाबी फायरिंग किया और सुरक्षा बलों को गोली चलाने का आदेश दिया. इस क्रम में अपराधियों की एक गोली हवलदार गणेश रजक को लगी और वह जख्मी हो गया. जिसके बाद डीएसपी  पक्का मकान से बगल के खपरैल मकान में पहुंचे और अपराधियों को ललकारते हुए जवाबी फायरिंग करते रहे. इसी दौरान एक गोली डीएसपी के सीने में लगी और मौके पर ही उनकी मौत हो गयी.

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