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श्मशान में जिन्दा हुआ नवजात शिशु , हैरान भरी नजरों से देखते रह गए लोग !

30 घंटे में दो बार हुई एक नवजात की मौत, दफनाने पहुंचे तो शरीर में हुई हरकत.

पटना, सनाउल हक़ चंचल : मधेपुरा के सिंहेश्वर प्रखंड के दुलार गांव के चंदन कुमार मंडल की पत्नी सरिता देवी ने बुधवार को बच्चे को जन्म दिया। बच्चा अस्वस्थ था। शुक्रवार की शाम सहरसा के एक निजी नर्सिंग होम में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन उसे लेकर वापस गांव आ गए। जहां वे बच्चे को दफनाने जा रहे थे। इसी बीच बच्चे के शरीर मेें हरकत देख उसे वापस ले आए।

 

परिजनों के अनुसार लगभग 30 घंटे तक बच्चा जीवित रहा मगर उसके बाद उसकी पुन: मौत हो गई। इस संबंध में चिकित्सकों का कहना है कि ऐसा होता नहीं है मगर कई बार देखा गया है कि मां के शरीर का लगातार स्पर्श पाने से शिशु का शरीर गर्म हो जाता है और शरीर में हरकत होने लगती है। यह जानकारी के अनुसार चंदन कुमार मंडल की पत्नी सरिता देवी को बुधवार की अहले सुबह प्रसव के लिए पीएचसी सिंहेश्वर में भर्ती किया गया। जहां उसने लड़के को जन्म दिया। परिवार के सदस्य खुश थे। लेकिन ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने शिशु की स्थिति नाजुक देखते हुए वार्मर और ऑक्सीजन देते हुए रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन शिशु को लेकर मधेपुरा गये। यहां निजी क्लीनिक में भी जब शिशु की स्थिति नहीं सुधरी तो डॉक्टरों की सलाह पर बुधवार को ही सहरसा के एक बड़े नर्सिंग होम में भर्ती कराया। शुक्रवार की शाम लगभग चार बजे नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने शिशु को मृत घोषित कर दिया।  

परिजन बताते हैं कि सहरसा से मृत शिशु को लेकर जब लौट रहे थे तो एक बार ख्याल आया था कि रास्ते में शव को दफना दें। मगर बाद में घर तक लेकर आए। रात नौ बजे के आसपास शिशु का शव दफनाने के लिए जब गढ्ढा खोदा जाने लगा तो पांच घंटे से अपने शिशु को सीने से लगाये सरिता को बेटे के पांव में कुछ हरकत महसूस हुयी। कुछ देर तो किसी को विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब हरकत जारी रही तो शिशु को लेकर सभी वापस घर आ गए।  परिजनों के अनुसार बच्चा लगभग 30 घंटे तक जीवित रहा मगर उसके बाद उसकी धड़कन बंद हो गई। परिजनों ने कहा कि बड़े डॉक्टरों के इलाज की स्थिति को देख दोबारा डॉक्टर के पास जाने की इच्छा नहीं हुयी।

सिंहेश्वर पीएचसी प्रभारी डॉक्टर आनंद भगत ने बताया कि जन्म के बाद शिशु में हार्ट प्रॉब्लम देखा गया। इसके बाद उसे वार्मर और ऑक्सीजन देकर बेहतर इलाज के लिए पीएचसी रेफर कर दिया गया। कैसे मृत शिशु जीवित हो उठा, कहना कठिन है। लेकिन कई बार देखा गया है कि मां के शरीर के लगातार स्पर्श पाने से शिशु का शरीर गर्म हो जाता है और शरीर में भी हरकत होने लगती है।

 
 

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