शरद यादव से मिले उपेंद्र कुशवाहा , तो भड़की JDU, कहा – यह ठीक नहीं
दिल्ली. केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी के नेता उपेंद्र कुशवाहा आजकल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज हैं. उनकी नाराजगी और शरद यादव से उनकी मुलाकात पर जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि आरएलएसपी के कुछ नेता एनडीए विरोधी गठबंधन के नेताओं से संपर्क में हैं. आरएलएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तीन बार लालू प्रसाद यादव से मिल चुके हैं. वह (उपेंद्र कुशवाहा) स्वयं विपक्षी एकता के पैरोकारों से मिले हैं. उनका यह कदम एनडीए विरोधी है. कुशवाहा के रुझान महागठबंधन के समर्थन में दिख रहे हैं. जदयू नेता ने कहा कि हम किसी पार्टी में किसी प्रकार की फूट नहीं डाल रहे हैं. आरएसएलपी के दोनों विधायक सुधांशु शेखर और ललन पासवान एनडीए के विधायक हैं. वह मुख्यमंत्री समेत किसी भी मंत्री से मिलने के लिए स्वतंत्र हैं. जैसे कि हम और अकाली दल के नेता यहां पर मोदी से और अमित शाह से मिलते रहते हैं. हमारी निष्ठा पर हमारे नेताओं ने कभी प्रश्न चिन्ह नहीं लगाया. वह अपने विधायकों पर प्रश्नचिन्ह क्यों लगा रहे है? उल्लेखनीय है कि हाल ही में आरएलएसपी के दो विधायकों ने जदयू प्रमुख नीतीश कुमार से मुलाकात की थी, जिसके बाद सोमवार को नया राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला और उपेंद्र कुशवाहा ने शरद यादव से मुलाकात की. शरद यादव एनडीए के खिलाफ महागठबंधन बनाने के बड़े पैरोकार माने जाते हैं. बहरहाल, एनडीए में कुशवाहा के भविष्य पर त्यागी का कहना है कि यह सब अमित शाह तय करेंगे. शाह और नीतीश एक प्रेस वक्तव्य में जेडीयू बीजेपी के गठबंधन के संकेत दे चुके हैं. अब बाकी काम अमित शाह को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और आरएलएसपी के साथ मिलकर तय करना है. नीतीश से कुशवाहा की नाराजगी पर त्यागी ने कहा कि इसका जवाब कुशवाहा दे सकते हैं. नीतीश ने जो वक्तव्य दिए हैं उसका एक भी अंश ना असुविधाजनक है और ना किसी के लिए आपत्तिजनक है. हम दिल्ली में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे, यह तय है.
नए समीकरण बनने के आसार
ऐसी अटकलें हैं कि एनडीए के घटक दल आरएलएसपी के दो विधायक पार्टी छोड़कर जदयू के पाले में जा सकते हैं. 2019 के आम चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर पहले से बिहार में एनडीए के घटक दलों में पेंच फंसा हुआ है. कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश के साथ आरएलएसपी के विधायकों के जाने से नया समीकरण तैयार हो सकता है. यही वजह है कि कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर उनकी पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाते हुए नसीहत दी है.