राष्ट्रपति चुनाव में हारी कांग्रेस बिहार का महागठबंधन बचाने में जीती
नई दिल्ली, 20 जुलाई : एक ओर जहां राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस 18 अन्य विपक्षी दलों की संयुक्त उम्मीदवार 15वीं लोकसभा की अध्यक्ष रह चुकीं मीरा कुमार बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद के मुकाबले हार चुकी हैं वहीं दूसरे मोर्चे पर कांग्रेस बिहार में महागठबंधन बचाने लगभग कामयाब हो चुकी है।
महागठबंधन बरकरार
सोनिया गांधी की पहल से टला बिहार का सियासी संकट| बिहार महागठबंधन में चल रही खींचतान के बीच संतुलन बनने लगा है। सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी के हस्तक्षेप करने के बाद राजद-जदयू के बीच लगभग सुलह हो चुकी है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से शरद यादव की मुलाकात ने संवाद का द्वार खोला। इसके पहले सोनिया गांधी की बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद से बारी-बारी कई राउंड की बातचीत ने सुलह का प्लेटफॉर्म तैयार किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुलाकात के पहले प्रमाणिक सफाई के सवाल पर करीब दो हफ्ते से महागठबंधन में घमासान की स्थिति थी।
इससे पहले लालू प्रसाद के आवास पर सीबीआई छापे के बाद से महागठबंधन के दो बड़े घटक दलों की राहें लगभग जुदा हो चुकी थीं। यही वजह थी कि नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का साथ न देकर एनडीए का साथ दिया। कांग्रेस के लालू प्रसाद एवं नीतीश कुमार के साथ अच्छे रिश्ते के कारण मामले को ठंडा करने में कामयाबी मिली।
राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस की हार
राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए की प्रत्याशी बनकर मैदान में उतरीं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को गठबंधन बचाए जाने के बाद भी ये चुनावी हार का झटका बिहार से भी झेलना पड़ा।
हालांकि बिहार की बेटी को बिहार से काफी उम्मीदें थी। बिहार से मीरा कुमार को वोट तो अच्छे खासे मिले लेकिन वो कोविंद को नहीं पछाड़ सकीं। कोविंद को बिहार से कुल 22 हजार 490 वोट मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी मीरा कुमार महज 18 हजार 867 वोट ही हासिल कर सकीं। मीरा कुमार के खिलाफ आए इस नतीजे की सबसे बड़ी वजह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू का रामनाथ कोविंद को समर्थन करना रहा।
फिलहाल रामनाथ कोविंद की 65.65 प्रतिशत वोटों के साथ जीत हो चुकी है। वहीं मीरा कुमार को 35.34 प्रतिशत वोट मिले हैं। अब रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति होंगे और 25 जुलाई को शपथ लेंगे।