राम मन्दिर के लिए जेल जाने और फांसी चढ़ने को भी तैयार हैं उमा भारती.
Uttar Pradesh.लखनऊ, 08 अप्रैल = केंद्रीय जल संसाधन व नदी विकास मंत्री उमा भारती ने कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर का निर्माण किसी एक राज्य का मामला नहीं है। यह पूरे देश की आस्था का विषय है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मन्दिर का निर्माण उनका सपना है। राम मन्दिर के लिए उन्हें जेल जाना पड़े या फांसी चढ़ना भी स्वीकार है।
उन्होंने राजधानी में कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में है और उच्चतम न्यायालय ने भी माना है कि इसकी प्रकृति ऐसी है कि इसका समाधान न्यायालय से बाहर निकलना चाहिए। सभी पक्षों को सुनकर राममंदिर निर्माण के लिए समाधान निकालना चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री ने इसके साथ ही पिछली सरकारों पर गंगा के नाम पर छल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद पिछली अखिलेश सरकार ने एनओसी नहीं देकर नमामि गंगे व गंगा के निर्मलीकरण के अभियान में बाधा पैदा की थी। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं। वह सांसद रहते हुए मां गंगा के निर्मलीकरण को लेकर संसद में मुखर रहे हैं। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश में मां गंगा का निर्मलता की ओर बढ़ना सुनिश्चित है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि नमामि गंगे, गंगा स्वच्छता और सिंचाई परियोजनाओं के बारे में प्राथमिकता और प्रस्तुतिकरण तैयार कराकर जल्द दें, ताकि केन्द्र सरकार राज्य में अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए राशि जारी कर सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गंगा व उसकी सहायक नदियों रामगंगा, काली व यमुना नदी की स्वच्छता और पुनरुद्धार को लेकर विशेष चर्चा हुई।
उमा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वार्ता के दौरान ही अधिकारियों को एक हफ्ते में प्रस्तुतिकरण तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि प्राथमिकताएं तैयार कर केंद्र सरकार को दी जा सके। उमा ने कहा कि मई के अन्त तक केन्द्र सरकार गंगा के घाटों के निर्माण व स्वच्छता अभियान और तेज करने के लिए 7000 करोड़ रुपए जारी कर देगी। इसमें से 1600 करोड़ रुपए गांवों से गुजरने वाली गंगा और शहरों से गुजरने वाली गंगा के तटों, घाटों और निर्मलीकरण के लिए खर्च किए जाएंगे।
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उन्होंने कहा कि एसटीपी यानी सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट (एसटीपी) आदि तैयार करने में समय लगता है, लेकिन 2018 तक गंगा को निर्मल बनाने का काम हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार को सलाह दी कि मध्य प्रदेश में जिस तरह सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त कर प्रदेश को कृषि उत्पादन में नम्बर वन बना दिया, उसी तरह उत्तर प्रदेश में भी किया जा सकता है। इसी तरह राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार द्वारा राज्य की पुरानी बावड़ियों, कुओं व जलस्रोतों का पुनरुद्धार करने से भी सीख ली जा सकती है।
उमा ने कहा कि इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार द्वारा मजबूत की गई स्प्रिंकल सिंचाई प्रणाली और तेलंगाना सरकार की छोटे जल संग्रहण निकायों को आपस में जोड़कर पेयजल व सिंचाई व्यवस्था अच्छी बनाने के प्रयोग की संभावना उत्तर प्रदेश में भी तलाशी जा सकती है।