राजीव धवन को रास न आई सीजेआई की नसीहत , छोड़ेंगे वकालत
नई दिल्ली, 11 दिसम्बर (हि.स.)। पिछले 7 दिसंबर को अयोध्या विवाद और दिल्ली सरकार और केंद्र के अधिकारों के मामलों की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राजीव धवन के आवाज और व्यवहार पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा द्वारा तीखी टिप्पणी किए जाने के बाद राजीव धवन ने वकालत छोड़ने का फैसला किया है। राजीव धवन ने चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में कहा है कि अगर आप चाहें तो आपने जो सीनियर एडवोकेट का गाऊन प्रदान किया है वो वापस ले सकते हैं।
पिछले 7 दिसंबर को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने एक संविधान बेंच की अध्यक्षता करने के दौरान राजीव धवन के आवाज और व्यवहार पर एतराज जताया था। उन्होंने कहा था कि इस पर बार को लगाम लगानी चाहिए। अगर बार इसमें विफल रहता है तो ऐसी घटनाओं पर हम लगाम लगाएंगे। उन्होंने कहा था कि शाउटिंग ब्रिगेड को कोर्ट के अंदर किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चीफ जस्टिस ने कहा था कि एक सीनियर एडवोकेट की आवाज दिल्ली और केंद्र के मामले की सुनवाई के दौरान ज्यादा थी वहीं उसी वकील की अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान उससे भी ज्यादा थी।