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मौनी अमावस्या: 12 साल बाद आया ऐसा संयोग, गंगा में श्रद्धालु लगाएंगे डुबकी.

वाराणसी, 26 जनवरी= मूक साधना का पर्व मौनी अमावस्या इस बार भी खास बन रहा है। 12 साल बाद स्नान पर्व पर शुक्रवार को अमृत योग के संयोग में श्रद्धालु गंगा स्नान कर दान पुण्य कर सकेंगे।

इस दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, शुक्रवार का दिन और वरियान योग का होना भी सुखद संयोग है। गुरुवार को जाने माने ज्योतिषविद आचार्य राजकिशोर पाण्डेय ने बताया कि मौनी अमावस्या पर सूर्य व चंद्रमा मकर राशि में होकर एक साथ युति करेंगे। पितरों का कारक ग्रह सूर्य व दान में लाभ दिलाने वाला चंद्रमा का एक साथ युति करना और दोनों ग्रहों पर गुरु का दृष्टि गोचर होना अमृत योग का कारण बनेगा। बताया कि मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान से सभी कष्ट और पाप कट जाता है। पर्व पर स्नान व दान का विधान भी है।

ब्रह्म मुहुर्त में स्नान व ध्यान व दान करने से मौनी अमावस्या का पूर्ण लाभ होगा। मौन रह गंगा में डुबकी लगाने के बाद भगवान भाष्कर को अध्र्य देकर उनको नमन करना चाहिए। इसके बाद भगवान श्रीहरि के पूजन कर भोजन, तिल, स्वर्ण, गाय, वस्त्र आदि चीजों को दान भी करना चाहिए।उधर पर्व पर गंगा स्नान के लिए दूर दराज के जिलो से श्रद्धालु आज दोपहर बाद ही आने लगे थे।

उधर मौनी अमावस्या पर गंगा में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशसान ने सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये हैं। गंगा घाट से लेकर विश्वनाथ मंदिर तक सुरक्षा के तगड़े इंतजाम के साथ बैरीकेडिंग भी किया गया है। गंगा घाट की ओर जाने वाले सभी मार्ग पर वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है।

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