मोदी सरकार ने घर खरीदने के लिए बनाया नया कानून , 1 मई से घर खरीदने में होंगे कई फायदे .
नई दिल्ली , 21 अप्रैल := अब नए घर खरीदने के लिए मोदी सरकार ने नया कानून बनाया है , जिसके तहत 1 मई से घर खरीदने में आप को कई फायदे होंगे .एक मई से पूरे देश में मोदी सरकार रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट (रेरा) लागू करने जा रही है , यह कानून लागु होने के बाद घर खरीदना बेहद सुरक्षित हो जाएगा। घर खरीदने में अभी तक सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि बिल्डर्स को पैसा देने के बाद आपको समय पर घर मिलेगा या नहीं, इसका कोई भरोसा नहीं था। लेकिन अब रेरा कानून के लागू होने के बाद सभी बिल्डर्स कानून के दायरे में आ जाएंगे, जिसके चलते आपके साथ फ्रॉड या चीटिंग वाजी नहीं होगा और तय समय पर आपको आपका घर मिल जाएगा। इसके अलावा भी रियल एस्टेट एक्ट के और कई फायदे हैं, जो इस प्रकार है .
घर खरीदने से पहले जानें प्रोजेक्ट लीगल है या नहीं.
आप 1 मई के बाद अगर आप घर की बुकिंग करने जा रहे हैं तो आप सबसे पहले जिस प्रोजेक्ट में घर बुक कर रहे है उस प्रोजेक्ट के बारे में पूरी जानकारी ले लें। जब की इस कानून के पहले आपको प्रोजेक्ट की जानकारी बिल्डर्स देते थे, लेकिन उसमे बिल्डर्स ज्यादातर सच्चाई छुपा देते थे. जिसके कारण घर खरीदने वाले बिल्डर्स के झांसे में आ जाते थे, लेकिन एक मई के बाद यह नहीं हो सकेगा। बस आपको करना यह है कि सबसे पहले बिल्डर और उसके प्रोजेक्ट को इंटरनेट पर सर्च करना है। रियल एस्टेट एक्ट के मुताबिक, बिल्डर को सेल्स शुरू करने से पहले अपनी वेबसाइट पर प्रोजेक्ट के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। बिल्डर सभी तरह की अप्रूवल्स या एनओसी लेने के बाद ही बेचना शुरू करेगा और सारी अप्रूवल्स व एनओसी की जानकारी वेबसाइट पर डालना जरूरी है। इसलिए घर बुक कराने से पहले बिल्डर की वेबसाइट अच्छे से चेक कर लें।
अब नहीं होगी एरिया में गड़बड़ी.
आप जिस समय घर बुक कराते हैं तो आप उस समय छला हुआ महसूस करते हैं, जब आपको यह पता चलता है कि आप ने फ़्लैट के जितने एरिया का पैसा दिया है आपके फ्लैट का साइज उससे कम है। दरअसल बिल्डर्स आपको जो फ्लैट का साइज बताते हैं, वह सुपर एरिया होता है। यानी कि सुपर एरिया में आपके घर के अलावा बालकनी, सीढि़यां जैसे कॉमन एरिया को भी शामिल कर लिया जाता है, लेकिन रियल एस्टेट एक्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि अब फ्लैट कारपेट एरिया पर ही बेचा जाएगा, यानी कि आपने जितने स्क्वायर फिट लिया है, उतना ही स्क्वायर फिट का पैसा वसूला जाएगा।
इस कानून में छोटे -छोटे बिल्डर्स के प्रोजेक्ट भी होंगे शामिल.
इस कानून के तहत ऐसा नहीं केवल बड़े और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स वाले प्रोजेक्ट के बायर्स को ही इसका फायदा मिलेगा। आप अगर छोटे बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स में घर बुकिंग कर रहे हैं तो भी आप रियल एस्टेट एक्ट का सहारा ले सकते हैं। इस कानून के मुताबिक, 500 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट पर बने प्रोजेक्ट हों या जिस प्रोजेक्ट में आठ या उससे अधिक फ्लैट हों तो उस प्रोजेक्ट को बनाने वाले बिल्डर्स को रियल एस्टेट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा और वह आपके साथ फ्रॉड या धोखे वाजी नहीं कर सकता।
तय समय में देना होगा घर.
रियल एस्टेट एक्ट के मुताबिक, बिल्डर्स को प्रोजेक्ट लॉन्च करते समय घर खरीदने वालो को यह बताना होगा कि वह पजेशन कितने समय में देगा। इसके बाद रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी द्वारा उस प्रोजेक्ट पर नजर रखी जाएगी। अगर बिल्डर आपको तय समय पर घर नहीं देता है तो उसके बदले बिल्डर को आपकी जमा राशि पर ब्याज देना होगा। ब्याज की दर लगभग 11 फीसदी होगी। जबकि इसके पहले बिल्डर्स प्रोजेक्ट लेट होने पर यह पेनल्टी नहीं देते थे। अगर आपको लगता है कि बिल्डर आपके साथ गड़बड़ी कर रहा है तो आप रेग्युलेटरी अथॉरिटी के पास शिकायत कर सकते हैं। अथॉरिटी को अधिकार है कि बिल्डर को 3 साल तक की कैद की सजा सुना सकती है।
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