मेघालय चुनाव में दांव पर लगी राहुल की साख……
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शिलांग, 27 जनवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का औपचारिक रूप से अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में होने जा रहे मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा विधानसभा के चुनाव में राहुल गांधी की एक तरह से साख दांव पर लगी हुई है। मेघालय में चुनाव जीत कर फिर से सरकार बनाना राहुल गांधी के लिए एक बड़ी चुनौती है। वे यदि इसमें विफल होते हैं तो पार्टी में पहले से ही अंदर ही अंदर हो रहे उनके खिलाफ विरोध उभरकर सतह पर सामने आ सकते हैं। उनका कांग्रेस अध्यक्ष बने रहना मुश्किल हो सकता है।
त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है| नगालैंड में भी नगा पीपुल्स फ्रंट की सरकार है। इन दोनों ही राज्यों में यदि कांग्रेस सीटें नहीं भी जीत पाती है तो राहुल गांधी के नेतृत्व पर कोई अंगुली नहीं उठेगी, क्योंकि यह दोनों ही राज्य पहले से ही कांग्रेस के हाथों से बाहर हैं। लेकिन, मेघालय में मुकुल संगमा के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की सरकार है। बीते चुनाव में राज्य की कुल 60 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें जीतकर कांग्रेस की सरकार मेघालय में बनी थी। राहुल गांधी के लिए मेघालय में अपनी पार्टी को फिर से जिताकर सरकार तक लाना एक बड़ी चुनौती है। पहले से ही पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस साफ होती जा रही है।
खासकर पूर्वोत्तर के सबसे बड़े राज्य असम में जिस तरह से कांग्रेस का सफाया हुआ वह पार्टी के लिए शर्मिन्दगी का विषय बन गया। मेघालय में यदि कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो गई तो कांग्रेस के लिए एक जमीन मिलेगी। पार्टी के लिए भी संजीवनी बनेगी और आगे का सफर तय करना राहुल गांधी के लिए सहज होगा।
राहुल गांधी हालांकि मेघालय चुनाव को काफी तरजीह दे रहे हैं| वह पार्टी के नेताओं को लगातार मेघालय में लगाए हुए हैं। शिलांग के सांसद तथा मेघालय प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष विंसेंट पाला ने बताया कि आगामी 30 जनवरी को राहुल गांधी मेघालय के जयंतिया हिल्स क्षेत्र के जोवाई में एक विशाल जनसभा करेंगे। यह जनसभा टपेल प्ले ग्राउंड में प्रस्तावित है।
इस सभा में कांग्रेस के केंद्रीय स्तर के कई नेताओं को भाग लेने के लिए बुलाया गया है। साथ ही मेघालय के सभी क्षेत्र से कांग्रेसी नेताओं, कार्यकर्ताओं व आम लोगों को इस सभा में साथ लाने के लिए कहा गया है। इस चुनावी सभा से राहुल गांधी का संदेश लेकर मेघालय के हर गांव तक पहुंचाना है।
मेघालय के गृह मंत्री एचडीआर लिंगहदो भी शनिवार को दिल्ली में राहुल गांधी के साथ मुलाकात कर उन्हें शिलांग तथा गारो हिल्स में भी इसी प्रकार की जनसभाएं करने के लिए आमंत्रित करने गए हैं। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी की सभाएं होने के बाद राज्य में कांग्रेस का जीतना सुनिश्चित हो जाएगा।
मेघालय प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष शिबून लिंगदोह का कहना है कि राहुल गांधी इतने प्रभावी नेता नहीं हैं कि उनके चुनावी सभा करने से मतदाताओं में कांग्रेस के प्रति खोया विश्वास वापस लौट जाए। उन्होंने कहा कि बीते माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि शिलांग में हुई सभा के बाद मेघालय चुनाव की हवा पूरी तरह से बदल गई है। भाजपा का जनाधार हर सीट पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी गारो हिल्स, जयंतिया हिल्स के साथी खासी हिल्स में भी और जनसभाएं करने वाले हैं। प्रीन्युर्सेला में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम एक प्रकार से तय है। अभी स्थान सुनिश्चित नहीं होने के कारण इसकी घोषणा नहीं की गई है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह शिलांग के टिकरी किल्ला में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। भाजपा को उम्मीद है कि असम, हिमाचल प्रदेश की तरह ही मेघालय में भी भाजपा कांग्रेस से सत्ता छीन लेगी| इस प्रकार कांग्रेस मुक्त देश बनाने का उनका सपना काफी हद तक पूरा हो सकेगा।
इधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी राज्य में कम से कम 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने जा रही है। पार्टी के महासचिव प्रफुल्ल पटेल के अनुसार एनसीपी गारो हिल्स में 22 से 24 तथा जयंतिया और खासी हिल्स मिलाकर तकरीबन 20 सीटों पर इस चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करने जा रही है। अनेक उम्मीदवारों के नाम फाइनल भी किए जा चुके हैं। प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के सांप्रदायिक राजनीति का असर मेघालय में नहीं होने वाला है। यहां के लोग धर्मनिरपेक्ष हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार के 5 वर्षों के शासनकाल में मेघालय की स्थिति बदतर हो गई है। लोग हर तरह से परेशान हैं| ऐसे में उनके पास कांग्रेस के विकल्प के रूप में एनसीपी ही सामने है, जो एक धर्मनिरपेक्ष तथा कुशल प्रशासन देने वाली सरकार बना सकती है। हालांकि बीते चुनाव में एनसीपी के दो ही उम्मीदवार विजयी हुए थे।
इधर चुनाव आयोग मेघालय के 18 लाख 31 हजार 487 वोटरों के बीच चुनाव से संबंधित सूचनाएं पहुंचाने के लिए आदेश जारी कर रही है। राज्य के 60 विधानसभा सीटों में से 55 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। जबकि सिर्फ 5 सीटें ही सामान्य कोटे के उम्मीदवारों के लिए हैं।
कुल 3082 पोलिंग बूथ इस चुनाव के दौरान रहेंगे। जिनमें से 2025 बूथ सामान्य हैं। जबकि 536 संवेदनशील तथा 67 अतिसंवेदनशील पोलिंग बूथ हैं। इन बूथों पर पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम करने के लिए राज्य के मुख्य चुनाव पदाधिकारी इस बीच पुलिस तथा नागरिक प्रशासन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देशों से अवगत करा चुके हैं।
चुनाव कार्य में तैनात होने वाले 21 हजार पुलिस ऑफिसरों को प्रशिक्षित करने का काम भी किया जा रहा है। बीते चुनाव में 86.82 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार के प्रयोग किए थे। चुनाव आयोग की कोशिशें हैं कि आसन्न चुनाव में और भी अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। राज्य के आतंकवादी संगठन गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी (जीएनएल) द्वारा चुनाव के दौरान गड़बड़ी फैलाए जाने की आशंका के मद्देनजर पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था इस दौरान कड़ी कर दी गई है। खासकर गारो हिल्स क्षेत्र में सुरक्षा बलों के विशेष दस्ते किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि को रोकने के लिए तैनात किए गए हैं।