महाशिवरात्रि पर काशी दूसरे दिन भी हुई शिवमय
वाराणसी, 14 फरवरी : महाशिवरात्रि पर्व पर दूसरे दिन बुधवार को भी बाबा विश्वनाथ के दरबार में भोर से ही शिवभक्तों का रेला उमड़ता रहा। मंगल आरती के बाद तड़के सुबह चार बजे मंदिर के कपाट खुले तो हर-हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष करते दर्शनार्थियों का कतारबद्ध रेला मंदिर की तरफ बढ़ चला। यह कतारें चौक की तरफ नीचीबाग और गोदौलिया की तरफ केसीएम तक पहुंच गई थीं। जिले के ग्रामीण अंचल के शिवालयों में भी महाशिवरात्रि पर शिवभक्तों की भीड़ रही। भोर से ही दर्शन-पूजन के लिए लाइन लगनी शुरू हो गयी थी।
ग्रह-नक्षत्रों के संयोग और तिथियों के फेर में शहर व जिले के लाखों भक्तों ने महाशिवरात्रि का व्रत रख घरों में रुद्राभिषेक के बाद बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई। भोर से ही मंदिर परिक्षेत्र में बने बैरिकेडिंग में खड़े श्रद्धालु हर-हर महादेव और हर-हर बम-बम का जयकारा लगाते मंदिर की तरफ बढ़ रहे थे। बाबा के दर्शन-पूजन और जलाभिषेक का सिलसिला आधी रात तक अनवरत जारी रहेगा।
मंगलवार की देर शाम रेडजोन स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी के आवास पर विधिविधान से बाबा के विवाहोत्सव की रस्में संपन्न हुईं। सप्तऋषि आरती के मध्य भगवान भोलेनाथ और माता गौरी परिणय सूत्र में बंधे। महंत आवास पर फूलों का मौर धारण किए बाबा विश्वनाथ और लाल चुनरी में सजी मां गौरी की नयनाभिराम झांकी के दर्शन के लिए तांता लग गया।
इस दौरान महंत डॉ. कुलपति तिवारी के आचार्यत्व में बाबा विश्वनाथ और माता गौरी की आरती-पूजन के साथ जनकल्याण, शांति और खुशहाली की कामना की गई। बाबा विश्वनाथ के विवाह की रस्में सप्तऋषि आरती के सात अर्चकों ने संपन्न कराईं। मंदिर के प्रधान अर्चक पंडित शशिभूषण त्रिपाठी (गुड्डू महाराज) के नेतृत्व में सातों अर्चकों ने वैदिक रीति से बाबा का विवाह संपन्न कराया। इस दौरान बाबा को ठंडई, भांग, फल-फूल अर्पित किए गए। अबीर-गुलाल चढ़ाकर श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया। (हि.स.) ।