ममता ने लिखा जावड़ेकर को पत्र, दोबारा नीट परीक्षा कराने की मांग
नई दिल्ली (ईएमएस)। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने नेशनल मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा नीट को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखा है। बनर्जी ने पत्र में नीट परीक्षा में अनियमितता होने का आरोप लगाया है और कहा है कि मंत्रालय कुछ प्रभावित केंद्रों पर दोबारा परीक्षा करवाने पर विचार कर सकता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार बनर्जी ने कहा है कि प्रदेश के कई परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों को बंगाली पेपर उपलब्ध नहीं करवाए गए और कई जगहों पर उम्मीदवारों को दूसरे पेपर की फोटोकॉपी करके पेपर दिए गए। उन्होंने बताया कि कई उम्मीदवारों को अंग्रेजी और हिंदी में पेपर उपलब्ध करवाए गए थे। पेपर्स को लेकर बनर्जी ने कहा कि मैं आग्रह करती हूं कि आप उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए, जो कि इन अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार हैं और आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि उम्मीदवार प्रभावित नहीं हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर आवश्यकता हो तो कुछ उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा करवाई जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि एक परीक्षा केंद्र पर 600 उम्मीदवारों को परीक्षा में भाग लेना था, लेकिन वहां 520 पेपर्स ही पहुंचे थे। इस साल परीक्षा में 13 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था।
बता दें कि मदुरै में 100 उम्मीदवार इसलिए परीक्षा में भाग नहीं ले सके, क्योंकि उन्होंने पेपर हिंदी और इंग्लिश में दिया गया जबकि उन्हें तमिल और अंग्रेजी में पेपर दिया जाना था। इस वजह से करीब 100 उम्मीदवार परीक्षा नहीं दे सके।
जल्द आएगी आंसर की
परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवार अब आंसर शीट और रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बोर्ड जल्द ही परीक्षा की आंसर की जारी कर देगा और आंसर शीट आने के बाद आप किसी सवाल के जवाब को लेकर चैलेंज भी कर सकते हैं। इस सवाल के जवाब को लेकर चैलेंज करने पर उम्मीदवारों को 1000 रुपये फीस देनी होगी।
कैसा था पेपर
छात्रों ने बताया भले ही फिजिक्स सेक्शन मुश्किल था लेकिन बायो-केमेस्ट्री सेक्शन ठीक था। वहीं केमेस्ट्री को मुश्किल नहीं बल्कि लैंथी बताया। जिसके सवाल को सॉल्व करने में काफी समय लग गया। कई छात्रों ने बताया ज्यादातर सवाल एनसीईआरटी से पूछे गए थे। छात्रों ने फिजिक्स, केमेस्ट्री से बायो सेक्शन को सबसे आसान बताया। वहीं छात्रों ने कहा भले ही इस बार फिजिक्स में न्यूमेरिकल के सवाल मुश्किल थे।