मन की बात में PM मोदी ने की किसानो की बात ,कहा अब किसानों को खरीदारों से जोड़ेगा ‘गोबर धन योजना’
नई दिल्ली, 25 फरवरी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को “मन की बात” कार्यक्रम में कहा कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए ऑनलाइन ‘गोबर धन योजना’ का पोर्टल बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल किसानों को खरीदारों से जोड़कर उन्हें गोबर और कृषि कचरा अपशिष्ट का सही दाम दिलाने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस बार बजट में ‘स्वच्छ भारत’ के तहत गांवों के लिए बायोगैस के माध्यम से अपशिष्ट से आय और अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने पर ज़ोर दिया गया। इसके लिए पहल शुरू की गई और इसे नाम दिया गया ‘गोबर धन योजना’। इसका उद्देश्य है गांवों को स्वच्छ बनाना और पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कमपोस्ट और बायो-गैस में परिवर्तित कर, उससे धन और ऊर्जा बनाना है। भारत में मवेशियों की आबादी पूरे विश्व में सबसे ज़्यादा है। भारत में मवेशियों की आबादी लगभग 30 करोड़ है और गोबर का उत्पादन प्रतिदिन लगभग 30लाख टन है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘गोबर धन योजना’ के तहत ग्रामीण भारत में किसानों, बहनों, भाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वो गोबर और कचरे को सिर्फ अपशिष्ट के रूप में नहीं बल्कि आय के स्रोत के रूप में देखें। प्रधानमंत्री ने उद्यमियों विशेष रूप से ग्रामीण भारत में रह रहे लोगों से स्वयं सहायता समूह बनाकर व सहकारी समितियां बनाकर इस अवसर का लाभ उठाने का आह्वान किया है।
मोदी ने कहा कि कुछ यूरोपीय देश और चीन पशुओं के गोबर और अन्य जैविक अपशिष्ट का उपयोग ऊर्जा के उत्पादन के लिए करते हैं लेकिन भारत में इसकी पूर्ण क्षमता का उपयोग नहीं हो रहा था। ‘स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण’ के अंतर्गत अब इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘गोबर धन योजना’ से ग्रामीण क्षेत्रों को कई लाभ मिलेंगे। गांव को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी। पशु-आरोग्य बेहतर होगा और उत्पादकता बढ़ेगी। बायोगैस से खाना पकाने और रौशनी के लिए ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। किसानों एवं पशुपालकों को आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी। अपशिष्ट संग्रह, परिवहन, बायोगैस की बिक्री आदि के लिए नई नौकरियों के अवसर मिलेंगे।(हि.स.)।