भारत छोड़ो आंदोलन 75वीं वर्षगांठ : इतिहास का स्मरण हमें ताकत देता है: पीएम मोदी
नई दिल्ली, 09 अगस्त : लोकसभा में भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर चर्चा की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी इतिहास के स्वर्णीम पुरुषों के कर्तव्यों और सामर्थ्य को पहुंचाने का हर पीढ़ी का दायित्व होता है। उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगाठ को मैं महत्वपूर्ण मानता हूं क्योंकि इतिहास का स्मरण हमें ताकत देता है।
1857 से 1947 तक के स्वतंत्रता आंदोलन में आए पड़ाव का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 1947 से पहले 1942 की घटना एक प्रकार से अंतिम व्यापक जनसंघर्ष था। 1942 में लोगों का यह मिजाज बन गया था कि ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’। देश का कोई भी तबका ऐसा नहीं था कि जिसने उस आंदोलन को अपना न माना हो। पीएम ने कहा कि 1942 से 1947 के बीच के जो पांच साल हैं उस दौरान भारतीय जनमानस का जो मिजाज था, आज वर्ष 2017 में एक बार फिर वहीं मिजाज, जोश और जुनून भारत की 125 करोड़ जनता और उनके प्रतिनिधियों में आ जाए और वह संकल्प लेकर आगे बढ़े तो भारत एक बार फिर विश्वगुरु बन जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तमाम देश भारत की ओर नजर गड़ाए हुए हैं और उसके महात्मय की राह ताक रहे हैं। 1942 से 1947 के बीच जो भी हुआ वह सिर्फ विदेशी शासन का खात्मा नहीं था बल्कि एक शुरुआत थी जिसके बाद धीरे-धीरे कई मुल्क ब्रिटिश उपनिवेशवाद से मुक्त हो गए।
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पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी 2017 में ये संकल्प ले कि 2022 कैसा हो। हम सभी मिलकर गरीबों को गरीबी से निजात दिलाएंगे और दिला कर रहेंगे। सभी मिलकर बेरोजगारों को रोजगार दिलाएंगे और दिला कर रहेंगे। सभी मिलकर कोशिश करें कि महिलाओं की बेड़ियों को खत्म करके रहेंगे। ऐसे ही अशिक्षा को खत्म करने की प्रण हमें मिलकर लेना होगा तो हर समस्या का समाधा किया जा सकेगा। अपने इस आह्वान पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संकल्प किसी सरकार का नहीं है बल्कि सवा सौ करोड़ नागरिकों और उनके प्रतिनिधियों का हो तो हम हर लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे। हम सभी को कुछ बातों पर सहमति बनाकर चलना होगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष की महत्वपूर्ण विषयों पर एकजुटका कई संकल्पों को लक्ष्य तक आसानी से पहुंचाने में कारगर साबित होगी।