भारत की NSG सदस्यता पर रूस ने चीन और पाकिस्तान को दिया तगड़ा झटका
मॉस्को/ नई दिल्ली, 07 दिसंबर (हि.स.)। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश के मुद्दे पर रूस ने चीन और पाकिस्तान को तागड़ा झटका दिया है और कहा है कि इसकी सदस्यता के लिए नई दिल्ली की दावेदारी को पाकिस्तान के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है।
विदित हो कि मास्को इस मुद्दे पर चीन के साथ चर्चा कर रहा है। वैसे चीन लगातार एनएसजी भारत की सदस्यता का विरोध कर रहा है। चीन इस फिराक में है कि 48 सदस्यों वाले एनएसजी के विस्तार के लिए एक मानक तय किया जाए, ना कि योग्यता के आधार पर किसी देश को सदस्यता मिले।
उल्लेखनीय है कि एनएसजी वैश्विक स्तर पर परमाणु व्यापार को नियंत्रित करता है। भारत चीन के इस विरोध को पाकिस्तान के पक्ष में मानता है।
इस बीच रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को नई दिलली में विदेश सचिव एस. जयशंकर से मुलाकात की। मुलाकात के बाद रयाबकोव ने कहा, “ एनएसजी सदस्यता की दावेदारी के लिए पाकिस्तान के आवेदन पर कोई सर्वसम्मति नहीं है और इसे भारत की दावेदारी के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है।”
ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी वरिष्ठ रूसी राजनयिक ने खुलेआम दो मामलों को एक साथ जोड़ने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “ हम इस मसले की जटिलताओं से परिचित हैं, लेकिन हम उन देशों की तरह नहीं जो केवल बात करते हैं। हम वास्तविक रूप से कोशिश कर रहे हैं। हम इस मुद्दे पर चीन के साथ विभिन्न स्तर पर बात कर रहे हैं।”
हालांकि मास्को का मानना है कि जब तक सभी देश इस बारे में प्रयास नहीं करते हैं, तब तक चीन मानने को तैयार नहीं होगा। रयाबकोव ने अपने बयान में मुद्दे के राजनीतिकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों को भारत की सदस्यता के लिए और ज्यादा सकारात्मक प्रयास करने की जरूरत है। लेकिन उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया।
रयाबकोव ने मुख्य निर्यात नियंत्रण व्यवस्था के साथ भारतीय की सदस्यता का समर्थन करते हुए उम्मीद जताई कि गुरुवार को जल्द से जल्द भारत वासेनार समझौते का हिस्सा बनेगा। 41 देशों के वासेनार समूह का चीन सदस्य नहीं है। यह समूह मुख्य निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में से एक है।
रूसी डिप्लोमेट ने यह स्वीकार किया कि रूस पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में जुटा हुआ है। रयाबकोव ने कहा, “ मैं आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि दुनिया में किसी भी देश के साथ रूस के संबंध भारत के साथ रिश्तों की कीमत पर नहीं बनेंगे।”
रूस ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि 11 दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्री स्तर की बैठक में भी वह इस मुद्दे को उठाएगा।