बैरक के बाहर पूरे दिन लॉन में ही बैठे रहते हैं गुरमीत, पीठ दर्द की शिकायत की.
रोहतक, 01 सितम्बर: साध्वी यौन शोषण मामले में बीस साल की सजा से डेरा प्रमुख पूरी तरह से टूट चुके हैं। पूरे दिन वह बैरक के बाहर लॉन में चादर बिछा कर बैठे रहते हैं। यहीं नही उन्हें जेल का भोजन व पानी भी रास नहीं आ रहा है। अभी तक तो बाबा कैंटीन से ही पानी खरीद कर पी रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिस वक्त बाबा सुनारिया जेल भेजे गए उनके पास जो रुपये थे वे जेल प्रशासन ने जमा कर लिए और उनके बदले टोकन दिए गए थे। हालांकि सुबह बाबा अखबार जरूर पढते हैं। जेल प्रशासन ने बाबा के परिजनों को मुलाकात की मंजूरी दी है।
जेल सूत्रों के अनुसार यह कहा गया है कि जेल मैन्युअल के हिसाब से सोमवार व वीरवार को बाबा के परिजन आम कैदियों की तरह मुलाकात कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि बाबा ने परिवार के पांच सदस्यों के नाम जेल प्रशासन को दे रखे हैं। साथ ही डेरा प्रमुख की पीठ में भी दर्द बढ़ रहा है। बीस साल की सजा सुनाए जाने के चार दिन बाद भी बाबा पूरी तरह से बेचैन है।
जेल से लौटे एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि बाबा बैरक के बाहर लॉन में चादर बिछा कर बैठे रहते हैं और वह सहयोगियों से भी कम बातचीत करते हैं। हालांकि बाबा खाना तो जेल का ही खा रहे हैं। लेकिन पानी वह कैंटीन से खरीद कर पी रहे है। साथ ही यह भी बताया गया है कि बाबा की तबीयत अब ठीक नहीं रह रही है और प्रशासन को भी यह डर है कि कई बाबा बीमार न हो जाए।
जेल से बाहर अस्पताल के लिए ले जाना बाबा को प्रशासन के लिए टेडी खीर है, इसलिए प्रशासन हर रोज बाबा का मेडिकल चैकअप करा रहा है। बाबा की पीठ में भी दर्द है और उन्होंने अदालत जाने से पहले यह ट्वीट करके भी बताया था।
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