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बिहार : जाम हटाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, जमादार को डेढ़ घंटे बनाया बंधक, 1 जवान की हुई मौत

पटना, सनाउल हक़ चंचल-4 जुलाई : समस्तिपुर के हसनपुर दुधपुरा बाजार में सोमवार की दोपहर मारपीट मामले के अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दर्जनों लोग सड़क पर उतर आए। जाम समाप्त कराने पहुंची पुलिस को भी विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस जीप पर लाठी-डंडे व ईंट-पत्थर बरसाए गए। अंत में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिस की जीप भी पलट दी।

आक्रोशित लोग एक महीना पूर्व मारपीट में जख्मी हुए मोहम्मद अकिल को दुधपुरा बाजार की मुख्य सड़क पर रखकर जाम कर प्रशासन विरोधी नारे लगा रहे थे। सड़क जाम की सूचना पर पहुंची हसनपुर पुलिस का लोगों ने विरोध शुरू कर दिया।  

आक्रोशित लोगों ने पुलिस जीप पर लाठी-डंडे तथा ईंट-पत्थर से हमला कर जीप को क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं एएसआई को बंधक बना लिया। आक्रोशित लोगों के बीच बंधक बने एएसआई को छुड़ाने के लिए पहुंचे दो पुलिसकर्मियों के साथ लोगों ने हाथापाई भी की और खदेड़ दिया। पुलिसकर्मियों ने भागकर अपनी जान बचाई। माहौल बिगड़ने की सूचना पर थानाध्यक्ष रजनीश कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने आक्रोशित लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया। लेकिन वे वरीय पदाधिकारी को बुलाने की मांग कर रहे थे। अंत में एसडीपीओ अजीत कुमार ने पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंच बंधक बने एएसआई को मुक्त कराया। साथ ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद जाम को हटवाया। लोगों के आक्रोश के सामने दुधपुरा-सिंघिया पथ करीब चार घंटे तक जाम रहा।  

हसनपुर में हंगामा को शांत कराने पहुंचे सैप जवान की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। जहानाबाद निवासी 45 वर्षीय उपेंद्र प्रसाद हंगामे के बाद पैदल ही हसनपुर से आ रहे थे। दुधपुरा बाजार में अचानक सिर में चक्कर आ गया और वे गिर गए। साथी उन्हें अनुमंडल अस्पताल ले जाने लगे, जहां रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।

2महीना पहले  दो पक्षों में हुई थी हिंसक झड़प 

दुधपुरा बाजार में एक महीना पूर्व भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में एक पक्ष के मोहम्मद जुबेर एवं मोहम्मद उमर ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दूसरे पक्ष के मोहम्मद अकिल को मारपीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था। इस मामले में जख्मी ने मारपीट में शामिल आधा दर्जन लोगों पर हसनपुर थाने में एक मामला भी दर्ज करवाया था। पीड़ित के परिजनों का आरोप है कि पुलिस अभियुक्तों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। मोहम्मद अकिल का इलाज पीएमसीएच में चल रहा था। रविवार को चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे रेफर कर दिया। परंतु आर्थिक स्थिति से कमजोर होने के कारण परिजन जख्मी को दूसरे जगह इलाज के लिए ले जाने के बजाय घर लेकर चले आए। थानाध्यक्ष रजनीश कुमार ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

रविवार को असामाजिक तत्वों के बहकावे में आकर लोगों ने कानून को अपने हाथ में लेने का प्रयास किया है। दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। हंगामा के दौरान आक्रोशित लोगों ने एसडीपीओ व इंस्पेक्टर के वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर पुलिस को बंधन मुक्त कराने तथा सड़क जाम हटवाने के बाद एसडीपीओ अजीत कुमार व इंस्पेक्टर विश्वनाथ पंडित जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे। इस क्रम में लोग एक बार फिर से आक्रोशित हो गए। एसडीपीओ की गाड़ी के टायर का हवा निकाल दिया और परदे को फाड़ दिया। इंस्पेक्टर की जीप को पलट दिया। पदाधिकारियों ने लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया।  

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