फल-सब्जियों के कचरे से सीएनजी तथा बालों से अमीनो एसिड बनेगा
वेस्ट मैनेजमेंट के कुछ इनोवेटिव प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी
इंदौर (ईएमएस)। अब फल सब्जी के कचरे से बायो सीएनजी और बालों के कचरे से अमीनो एसिड बनाया जाएगा। यहां अब वेस्ट मैनेजमेंट के कुछ इनोवेटिव प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाने की तैयारी है। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के लिए इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के सलाहकार असद वारसी ने बताया कि शहर की देवी अहिल्याबाई होलकर फल-सब्जी मंडी में बायोमीथेनाइजेशन प्लांट लगाया है। इस संयंत्र के जरिये हर रोज फल-सब्जियों के 20 टन कचरे को 1,000 किलोग्राम बायो-सीएनजी में बदला जा सकता है। प्रोसेसिंग के बाद बचे कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि फल-सब्जी मंडी में तैयार बायो-सीएनजी का कुछ ऑटो रिक्शाओं में ईंधन के रूप में परीक्षण किया गया है।
इसके अच्छे परिणाम आने के बाद शुरुआती दौर में 20 बसों को बायो-सीएनजी से दौड़ाने की तैयारी है। फिलहाल इन बसों में सामान्य सीएनजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। वेस्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट का कहना है कि अब वह फल-सब्जियों के साथ मटन, चिकन और मछली बाजारों के कचरे से भी बायो-सीएनजी बनाने की योजना है। कच्चे मांस के अपशिष्ट से अपेक्षाकृत ज्यादा बायो-सीएनजी बनाई जा सकती है। हेयर कटिंग के समय काटे गए बालों का सुरक्षित निपटारा किसी भी स्थानीय निकाय के लिए बड़ा सिरदर्द होता है। इसके लिए गैर सरकारी संगठन ‘सार्थक’ के साथ करार के जरिये इंदौर में नवाचारी परियोजना पर काम जारी है। इसके तहत सैलूनों से कटे बालों को जमा कर विशेष संयंत्र के जरिये इन्हें अमीनो एसिड में बदला जाएगा।