पालघर में रेती माफियाओ के हौसले बुलंद ,तहसीदार की टीम पर किया हमला ,एक तलाठी समेत तीन लोग घायल
पालघर, केशव भूमि नेटवर्क (23 नवंबर) : पालघर जिले के विरार में रेती माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है की नारंगी के पास स्तिथ टेम्भी खोड़ावे में मंगलवार देर शाम को रेती माफियाओं पर कार्रवाई करने पहुंचे पालघर व वसई के तहसीलदार की टीम पर रेती माफियाओं ने हमला कर दिया जिसमें एक तलाठी समेत गांव के 3 लोग घायल हो गए.
बताया जा रहा है कि विरार में नारंगी के पास स्तिथ टेम्भी खोड़ावे के पास वैतरणा खाड़ी में काफी दिनों से रेती माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से रेती निकालने का काम बड़े पैमाने पर शुरू है. जिसकी लोगों ने पालघर कलेक्टर के पास कई बार लिखित शिकायत भी की है. शिकायत मिलने के बाद माफियाओं पर अपनी टीम के साथ कार्रवाई करने पहुंचे पालघर और वसई के तहसील व उनकी टीम अवैध तरीके से रेती निकालने वाली नाव पर कार्यवाई करते हुए जप्त कर रहे थे, उसी दरमियान कार्यवाई से नाराज रेती माफियाओं ने तहसीलदार की टीम पर हमला कर दिया . साथ ही उन्होंने उनकी टीम पर पत्थरबाजी भी करना शुरू कर दिया . इस हमले में एल तलाठी समेत तीन लोग घायल हो गए.
नाका पास कराने के नाम पर ट्रक पीछे 2000 की वसूली
अगर सूत्रों की माने तो विरार में नाका पास कराने के नाम पर कुछ पुलिस के लोग एक ट्रक से करीब 2000 रूपये की वसूली करते है . खास बात यह है की इस वसूली में केवल यह चंद पुलिस वाले नहीं है इनके पीछे कुछ स्थानिक पुलिस आधिकारी भी सामिल है जिनके इशारे पर यह वसूली होती है .एक दिन में रेती से लदे करीब 80 से 100 ट्रक पास होते है .इससे आप अंदाजा लगा सकते है की एक दिन में कितनी वसूली होती है .और यह वसूली रात में 7 बजे से शुरू होती है.
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जिसे देखते हुए यह सवाल उठता है की जिसके ऊपर लोगो की सुरक्षा और गैर क़ानूनी धंधे रोकने की जिम्मेदारी सौपी गयी है. अगर वही इस प्रकार का काम करने लगे तो इन रेती माफियाओं में कानून का कितना डर रहेगा यह सोचने वाली बात है. और पुलिस अधिकारियों से बार-बार शिकायत करने के बाद भी पुलिस अधिकारी अपने अधिकारियों को कार्रवाई करने के बजाय उन्हें मदद करते रहते हैं जिसके कारण रेती माफियाओं के साथ पुलिस अधिकारियों के भी हौसले बुलंद हैं. और अगर इसके विरोध में कोई आवाज उठाने की कोशिश करता है तो उसे झूठे केस में फ़साने की धमकी मिलने लगती है जिसके कारण इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई आवाज उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है .