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नई दिल्ली-एनसीआर के 56 प्रतिशत टैक्सी ड्राइवर शराब पीकर चलाते हैं गाड़ीः सर्वे

कैंब कंपनी करती हैं सुरक्षित सफर करने का वादा

नई दिल्ली (ईएमएस)। अक्सर वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि शराब पीकर गाड़ी न चलाएं या पार्टी में शराब पी है तो कैब से जाएं लेकिन एक सर्वे में चौंकानें वाली बात सामने आई है कि कैब या टैक्सी से जाना भी आपके लिए पूरी तरह सेफ नहीं है। एनजीओ ने दिल्ली-एनसीआर में करीब 10,000 टैक्सी ड्राइवरों पर एक स्टडी के दौरान पाया कि उनमें से करीब 55.6 फीसदी ड्राइवर नियमित तौर पर शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। वहीं उनमें से 27 फीसदी ड्राइवर्स ने ये बात मानी कि उन्होंने बेहद नशे में धुत होने के दौरान भी टैक्सी की बुकिंग स्वीकार कीं। इस तरह का खुलासा महिला यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता हैं जिन्हें कई बार अकेले सफर करना होता हैं। ड्राइवर्स ने ये माना कि ज्यादातर वो उस समय ड्रिंक करते हैं जब उनके पास कोई बुकिंग नहीं होती और वो इंतजार कर रहे होते हैं। लेकिन जब उनके पास बुकिंग आती है तो वो इंकार नहीं करते हैं।

ये सर्वे दोपहर 2 बजे से रात 1 बजे तक के बीच में कराया गया है और इसमें से 62.1 फीसदी ड्राइवर्स ने माना कि वो अपनी गाड़ी में ही शराब का सेवन करते हैं। उसी में से 55.6 फीसदी कार चालकों ने ये स्वीकार किया कि वो शराब का सेवन करके गाड़ी चलाते हैं। इसके पीछे मुख्य वजह ये है कि ज्यादातर कैब ड्राइवर्स आदतन रोजाना शराब पीने के आदि हैं। उनमें से ज्यादातर का कहना है कि चूंकि वो काफी लंबे समय तक काम करते हैं (लगभग 12-15 घंटे) काम करते हैं जिसके चलते उन्हें समय कम मिल पाता है लिहाजा वो अपने काम के दौरान ही ड्रिंक कर लेते हैं। इसके अलावा कुछ ने माना कि गाड़ी में अल्कोहल का सेवन करना सस्ता और सुविधाजनक होता है जिसकी वजह से वो गाड़ी में शराब पीते हैं।

ये सर्वे 10 सितंबर 2017 से 10 दिसंबर 2017 के बीच हुआ जिसका उद्देश्य ये जानना था कि ट्रांसपोर्ट कंपनियां जो दावा करती हैं कि ड्रिंक ड्राइविंग करने की बजाए उनके यहां से सफर करना सुरक्षित और बढ़िया विकल्प है वो कितना सही है। इस स्टडी में आगे बताया गया है कि यात्रियों द्वारा 90 फीसदी से ज्यादा कैब ड्राइवर्स की जांच नहीं की गई कि उन्होंने ड्रिंक किया है कि नहीं। रोड सेफ्टी विशेषज्ञ प्रिंस सिंघल ने कहा कि ये रिसर्च दिल्ली के कई मुख्य जगहों और भीड़भाड़ वाले इलाको में किया गया जिसमें दिल्ली एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, मॉल्स, कमर्शियल हब, ऑफस कॉम्पलेक्स और यूनिवर्सिटी के इलाके शामिल थे। 10,000 टैक्सी में से 893 ड्राइवर्स काली-पीली टैक्सी वाले थे और 9,107 कैब ड्राइवर्स रेडियो और एप बेस्ड कैब्स के ड्राइवर्स थे। इसके अलावा रिसर्च में पाया गया कि पुलिस ने दिल्ली,नोए़डा और गुड़गांव के ड्राइवर्स को ओवर स्पीडिंग,रेड लाइट जंप करने और रैश ड्राइविंग करने के लिए चालान किया लेकिन ड्रिंक और ड्राइव के मामलों में बहुत कम बार पकड़ा गया है।

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