देश के सभी कोने में गुरुपूर्णिमा पूजन की धूम,अपने अपने गुरुओ को लोगो ने किया याद .
हरिद्वार, 09 जुलाई : गुरु की आराधना का पर्व गुरु पूर्णिमा रविवार को तीर्थनगरी के आश्रमों, मठ, मंदिरों में श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर लोगों ने अपने गुरुओं का पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद लिया। गुरु पर्व को लेकर तीर्थनगरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। गुरु पूजन का सर्वश्रेष्ठ दिन गुरु पूर्णिमा पर्व पर आज उत्सव के बीच लोगों ने अपने गुरुओं का पूजन-अर्चन किया।
गुरु पूजन का सिलसिला प्रातः से ही आरम्भ हो गया। श्रद्धालुओं ने बहुविधि अपने गुरुओं का पूजन कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। तीर्थनगरी के सभी आश्रमों व अखाड़ों में गुरु पूजन की धूम रही। जिन लोगों के गुरु नहीं रहे उन्होंने भगवान शिव को गुरु रूप में मानकर उनका पूजन कर आशीर्वाद लिया। इस कारण शिवालयों में भी भक्तों की खासी भीड़ रही। गुरु पूर्णिमा पर्व व्यास पूजा के रूप में भी मनाया जाता है।
छह शास्त्रों, 18 पुराणों की रचना करने वाले महर्षि वेद व्यास के जन्मोत्सव को ही गुरुपर्व के रूप में मनाया जाता है। वेद व्यास को ही प्रथम गुरु माना जाता है। इस कारण से गुरु पूजन की शुरुआत हुई। गुरु में गु का अर्थ शास्त्रों में अंधकार व रू का अर्थ प्रकाश बताया गया है। अर्थात अंधकार को ज्ञानरूपी प्रकाश से नष्ट करने वाला ही गुरु होता है।
गुरु पर्व के लिए शनिवार से ही श्रद्धालुओं का तीर्थनगरी में आगमन शुरू हो गया था। रविवार को लोगों ने बहुविधि अपने गुरुओं का पूजन कर उनसे आशीर्वाद लिया। सभी आश्रमों व अखाड़ों में गुरु पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आश्रम, अखाड़ों में कई प्रकार के धार्मिक आयोजन भी हुए। इस दौरान भारत माता मंदिर में महंत ललितानन्द महाराज के सानिध्य में गुरु पूजन किया गया। इसके साथ ही सप्तसरोवर स्थित उमेश्वर धाम, लालमाता मंदिर, भूमा निकेतन, चेतन ज्योति आश्रम, निर्धन निकेतन, कनखल स्थित हरिहर आश्रम सहित अन्य जगह गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुदीक्षा दी गई।
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