दाभोलकर, पानसरे की हत्या जांच को लेकर केंद्रीय, राज्य एजेंसियों को फटकार
मुम्बई. तर्कवादी नरेन्द्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या के मामले की जांच कर रही केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को फटकार लगाते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने आज कहा कि अधिकारी इसे अत्यावश्यक रूप में नहीं ले रहे हैं जबकि देश ‘दुखद स्थिति’ से गुजर रहा है जहां कोई भी किसी से बात नहीं कर सकता या उन्मुक्त नहीं घूम सकता. न्यायमूर्ति एस. सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने कहा कि वह जांच से संतुष्ट नहीं हैं.
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उन्होंने महाराष्ट्र सीआईडी तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से पेश ‘गोपनीय रिपोर्ट’ को वापस कर दिया और कहा कि इन रिपोर्ट में कुछ भी गोपनीय नहीं है. पीठ ने कहा कि देश में लोग ‘दुखद स्थिति’ का सामना कर रहे हैं जहां कोई बात नहीं कर सकता या उन्मुक्त नहीं घूम सकता और फिर भी उपर्युक्त मामलों में अधिकारी तात्कालिकता नहीं दिखा रहे हैं या हत्याओं की जांच में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है. दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में सुबह की सैर के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पानसरे को 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में गोली मारी गई थी और 20 फरवरी को अस्पताल में उनकी मौत हो गई. सीबीआई और सीआईडी क्रमश: दाभोलकर और पानसरे हत्या की जांच कर रही हैं.