दलित हिंसा पर केंद्र ने राज्यों से मांगी रिपोर्ट,
– तनाव के चलते मंगलवार को भी अनेक स्थानों पर कर्फ्यू, स्कूल-कालेज बंद
नई दिल्ली (ईएमएस)। एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के बदलाव के विरोध में दो अप्रैल को दलित संगठनों के भारत बंद के चलते कई राज्यों में प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शन के दौरान देश के 10 राज्य सुलग उठे और हिंसक झड़पों में 14 लोगों की मौत हो गई। इस बीच हिंसा प्रभावित राज्यों से केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। हिंसक प्रदर्शन के बाद केंद्र ने हिंसा प्रभावित राज्यों से रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही एहतियातन कई राज्यों में मंगलवार को भी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। अनेक स्थानों पर आज भी प्रदर्शन की खबरों के मद्देनजर देश में कई स्थानों पर कर्फ्यू लगाते हुए सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया है। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और बिहार से हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने और कानून- व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिए हैं।
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और पंजाब सहित अन्य स्थानों पर आगजनी, गोलीबारी और तोड़फोड़ की खबरों के बीच कई राज्यों ने बंद के मद्देनजर स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया है। एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल सुप्रीम कोर्ट से आज एससी-एसटी एक्ट पर जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं। सोमवार को केंद्र ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर यह मांग की थी कि कोर्ट हाल ही में दिए फैसले से पहले की स्थिति बहाल करे।
फैसले में कोर्ट ने एससी-एसटी उत्पीड़न की शिकायतों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शिकायत की शुरुआती जांच करें। शिकायत की शुरुआती पुष्टि होने के बाद ही मामला दर्ज किया जाए। मध्य प्रदेश में दलितों के भारत बंद के दौरान सबसे ज्यादा हिंसा ग्वालियर, भिंड, और मुरैना में हुई। ग्वालियर में एएसपी को भीड़ ने पीट दिया। हिंसा के बाद ग्वालियर, मुरैना और भिंड में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही भिंड में सेना बुलाई गई। हिंसा प्रभावित जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। भिंड में बजरंग दल और भीम सेना के कार्यकर्ताओं में भी भिड़ंत हुई। भोपाल में भीड़ ने बस को जला दिया। सतना, बालाघाट और सागर में भी प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई। प्रदेश में कई ट्रेनों को भी प्रदर्शनकारियों ने रोका।
पुलिस सूत्रों के अनुसार बंद समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष सोमवार सुबह 10.30 बजे उस वक्त शुरू हुआ जब भिंड जिले के मालनपुर इलाके में बंद समर्थक प्रदर्शनकारी लाठी लेकर सड़कों पर उतरे और वाहनों के कांच और दुकानों पर तोड़फोड़ करने लगे। इसके बाद हिंसा अन्य इलाकों में भी बढ़ती चली गई। दलित संगठनों ने सोमवार को देशभर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। दलित आंदोलन की आग से पश्चिमी यूपी सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। मेरठ, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, हापुड़, बिजनौर और बुलंदशहर सहित पश्चिमी यूपी के जिलों में जमकर तोड़फोड़ और हिंसा हुई।