डोल रहा भाजपा का सिंहासन : अखिलेश यादव
लखनऊ, 07 जुलाई (हि.स.)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा ने राजनीति को जनसेवा का माध्यम न मानकर उसे प्रबंधन कला में बदल दिया है। उनके लिए सामाजिक जीवन में शुचिता का कोई अर्थ नहीं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव येनकेन प्रकारेण जीतने के हिमायती हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार का काम तो अपने आप बोलता है। भाजपा का सिंहासन उसके डर से डोल रहा है। अमित शाह को न तो भाजपा कार्यकर्ताओं पर और न ही प्रदेश के मतदाताओं पर विश्वास है बल्कि वे कारपोरेट घरानों की प्रबंधन प्रणाली के जरिए चुनाव जीतने की व्यवस्था कर रहे हैं।
यह सभी जानते हैं कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा साम दाम दण्ड भेद सभी अपनाने में संकोच नहीं करती है। ईवीएम मशीनों में जब तब गड़बड़ी होने की खबरें हर चुनाव में खूब छपती हैं। इन मशीनों की विश्वसनीयता पर कई सवाल उठे हें। भाजपा का दूसरा अस्त्र चुनाव में ध्रुवीकरण को बढ़ावा देना होता है। सांप्रदायिकता का जहर घोलकर अपने वोट बैंक को साधने की कला में भाजपाई दक्ष हैं। सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने और विद्वेष भावना को पनपाने में भी भाजपाई आगे रहते हैं।
उत्तर प्रदेश में भाजपा ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिसे उसकी उपलब्धि गिनायी जा सके। यहां किसान और नौजवान, सभी परेशान हैं। किसान को फसल की लागत भी नहीं मिल रही है। नौजवान बेरोजगारी से परेशान है। नोटबंदी और जीएसटी से पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। महिलाओं और यहां तक कि बच्चियों से भी दुष्कर्म की घटनाओं में बाढ़ आई है। शासन तक अपनी मांग पहुंचाने वालों को पुलिस के डण्डे खाने पड़ रहे हैं।
समाजवादी पार्टी प्रारम्भ से ही सिद्धांतों की राजनीति करती आई है। नीति कार्यक्रम और चुनाव घोषणापत्र के माध्यम से वह मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाती है। भाजपा नेता सिर्फ भटकाव की बातें करना जानते हैं, लेकिन जनता भाजपा की सच्चाई जान गई है और वह भाजपा को जवाब देने की तैयारी में है।